National Herald Case: अर्जुन राम मेघवाल का तीखा पलटवार, कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप

नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय संपत्ति का दुरुपयोग किया है और यह मामला न केवल भ्रष्टाचार का बल्कि कानून की अवहेलना का भी है।

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है, जबकि असल में पार्टी के नेता खुद ही कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने जवाबदेही स्वीकार नहीं की, तो सरकार उन्हें पूरी तरह से कानून के दायरे में लाएगी।

नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?

नेशनल हेराल्ड केस एक लंबा चलने वाला कानूनी विवाद है, जो मुख्य रूप से उस समय शुरू हुआ जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के माध्यम से एक विवादित तरीके से संपत्ति और वित्तीय लेन-देन किया। इसके तहत कांग्रेस नेताओं पर आरोप हैं कि उन्होंने अखबार के नाम पर बड़ी राशि का लेन-देन किया और सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग किया।

इस मामले में प्रमुख आरोपी सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और अन्य कांग्रेस नेताओं पर आरोप हैं कि उन्होंने एक कंपनी को इस संपत्ति के अधिकार दिए, जिससे उन्हें व्यक्तिगत लाभ हुआ। यही कारण है कि यह मामला कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन चुका है, खासतौर पर 2014 के बाद से जब से यह मुद्दा बढ़ा है।

अर्जुन राम मेघवाल का बयान

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने हाल ही में कांग्रेस के खिलाफ कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब खुद को बचाने के लिए मामले को लेकर झूठे आरोप और बयान दे रही है। उनका कहना था, “कांग्रेस ने जो गड़बड़ी की है, उसे किसी भी हाल में छुपाया नहीं जा सकता। अब जनता भी समझ चुकी है कि कांग्रेस ने कैसे देश की संपत्ति का दुरुपयोग किया।”

मेघवाल ने यह भी कहा कि इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देना चाहिए। “अगर कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है, तो उन्हें अदालत के सामने पेश होना चाहिए और कानून के सामने जवाबदेही स्वीकार करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह कदम केवल भ्रष्टाचार की तुष्टिकरण के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस पार्टी अब झूठे आरोपों का सहारा लेकर अपनी साख को बचाने की कोशिश कर रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है।

कांग्रेस का जवाब

कांग्रेस पार्टी ने अर्जुन राम मेघवाल के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सब बीजेपी की राजनीतिक चाल है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “अर्जुन राम मेघवाल जैसे केंद्रीय मंत्री का यह बयान पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। कांग्रेस ने कभी भी किसी भी सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग नहीं किया।”

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने इस मुद्दे को जानबूझकर तूल दिया है ताकि जनता का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों से हटाया जा सके। कांग्रेस ने कहा कि यह केवल बीजेपी की सत्ता बचाने के लिए एक गंदी राजनीतिक चाल है।

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बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति

अर्जुन राम मेघवाल का यह पलटवार, बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखे राजनीतिक संघर्ष को और भी बढ़ा देता है। बीजेपी ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए उसे भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाया है, जबकि कांग्रेस इसे एक “राजनीतिक साजिश” बता रही है।

यह मामला तब से चर्चा में है जब से राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने समन भेजा था। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं को डराने और उनकी छवि को धूमिल करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

कांग्रेस का आरोप: बीजेपी की ‘राजनीतिक बदले की भावना’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य उद्देश्य विपक्षी दलों को कमजोर करना और उन्हें उनके कानूनी मामलों में घसीटना है। कांग्रेस का कहना है कि नेशनल हेराल्ड केस का कोई असल आधार नहीं है और यह केवल भाजपा द्वारा की जा रही राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है।

कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह न्यायालय में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार है और पार्टी पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर काम करेगी।

नेशनल हेराल्ड केस ने एक बार फिर से कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक गहमा-गहमी को बढ़ा दिया है। अर्जुन राम मेघवाल का कांग्रेस पर यह पलटवार न केवल राजनीतिक संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या कांग्रेस इस मामले में जवाबदेही स्वीकार करेगी या फिर इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हुए खारिज कर देगी।

बिना किसी संदेह के, यह मामला आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बिंदु बनेगा, जो न केवल कांग्रेस की साख पर असर डालेगा, बल्कि बीजेपी की रणनीति को भी तय करेगा।

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