ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव शामिल हुए। इस विधेयक का AIMPLB सहित कई मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिसे समुदाय के अधिकारों में दखल बताया जा रहा है।

लालू यादव ने क्या कहा?
लालू प्रसाद यादव ने प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा हम हमेशा वंचित वर्गों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे। यह विधेयक उनके अधिकारों को छीनने का प्रयास है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
AIMPLB और अन्य संगठनों का विरोध
AIMPLB के सदस्यों का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास करता है, जिससे धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता खतरे में पड़ सकती है। बोर्ड के महासचिव ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
बिहार में राजनीतिक माहौल गरमाया
लालू यादव के इस प्रदर्शन में शामिल होने से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया, जबकि राजद और महागठबंधन के अन्य नेताओं ने इसे अल्पसंख्यकों के हक की लड़ाई बताया।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर लाए गए इस विधेयक में सरकार को अधिक अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इससे वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और सरकार का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा । लालू प्रसाद यादव का इस प्रदर्शन में शामिल होना यह दर्शाता है कि बिहार में आगामी चुनावों से पहले अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है।

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