मध्य प्रदेश के इटारसी जंक्शन के पास एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। मंगलवार सुबह अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस (19483) के आखिरी डिब्बे में अचानक आग लग गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि यह डिब्बा लगेज कोच था, जिसमें यात्री नहीं थे। रेलवे प्रशासन और दमकल विभाग की तत्परता से आग पर समय रहते काबू पा लिया गया, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
कैसे लगी आग?
इस घटना को लेकर रेलवे अधिकारी अभी जांच कर रहे हैं, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य तकनीकी खराबी मानी जा रही है। कई बार गर्मी और तकनीकी गड़बड़ी के कारण रेलगाड़ियों में इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन जब इटारसी स्टेशन के पास पहुंची, तभी गार्ड कोच से धुआं उठता देखा गया। इसके तुरंत बाद ट्रेन को रोककर आग बुझाने की कोशिश शुरू की गई।
रेलवे अधिकारियों की सतर्कता से टला हादसा
रेलवे अधिकारियों और ट्रेन स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत यात्रियों को सतर्क किया और आग को अन्य डिब्बों में फैलने से रोकने के लिए राहत कार्य शुरू किया। ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड ने सूझबूझ से काम लेते हुए फौरन इस घटना की जानकारी रेलवे कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया।
यात्रियों में मची अफरा-तफरी
हालांकि आग सिर्फ लगेज डिब्बे में लगी थी, फिर भी ट्रेन में मौजूद यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया। जैसे ही ट्रेन रोकी गई और धुआं उठता देखा गया, लोग अपनी सीट छोड़कर बाहर आने लगे। रेलवे प्रशासन की ओर से तुरंत यात्रियों को सुरक्षित रखा गया और स्थिति को नियंत्रित किया गया। रेलवे ने इस दौरान किसी भी जिंदगानी नुकसान से इनकार किया है और कहा है कि सभी यात्री सुरक्षित हैं।
रेलवे ने दिए जांच के आदेश
इस घटना के बाद रेलवे ने हाई-लेवल जांच के आदेश दे दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह आग तकनीकी खराबी, किसी शॉर्ट सर्किट, या फिर बाहरी कारणों से लगी थी। अगर किसी तरह की लापरवाही सामने आती है तो रेलवे इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
रेल यात्रियों के लिए सुरक्षा के उपाय
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे यात्रियों को कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा नियमों का पालन करने की सलाह देता है:
- सफर के दौरान ज्वलनशील पदार्थ न रखें – कई बार यात्री अपने सामान में गैस सिलेंडर, पटाखे, केरोसिन या अन्य ज्वलनशील पदार्थ रखते हैं, जो आग लगने की संभावना को बढ़ा सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ध्यान रखें – कई बार शॉर्ट सर्किट मोबाइल चार्जर, लैपटॉप चार्जर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से हो सकता है। यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- अग्निशमन यंत्रों की जांच – रेलवे को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी ट्रेनों में फायर एक्सटिंग्विशर और इमरजेंसी गाइडलाइन्स मौजूद हों।
- रेलवे अधिकारियों को तुरंत सूचना दें – अगर किसी यात्री को ट्रेन में धुआं या आग लगने जैसी कोई भी घटना दिखे, तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल करें।
रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर किए जारी
रेलवे ने इस घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर संपर्क कर यात्री किसी भी आपात स्थिति की जानकारी दे सकते हैं। रेलवे यात्रियों को यह भी सलाह देता है कि वे अपनी यात्रा के दौरान इन नंबरों को याद रखें और किसी भी आपात स्थिति में घबराने के बजाय अधिकारियों को सूचित करें।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रिक वायरिंग में खराबी, या फिर किसी यात्री की लापरवाही की वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैं। रेलवे को अब अपनी सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाया जा सके।
इटारसी के पास हुई इस घटना में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह हमें एक बड़ी सीख देती है कि रेलवे और यात्रियों को सुरक्षा उपायों को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए। अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस में लगी आग पर समय रहते काबू पा लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। रेलवे प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
रेलवे यात्रियों को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी असामान्य गतिविधि या सुरक्षा से जुड़ी समस्या की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए। इस तरह की सतर्कता से न केवल खुद की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि बड़े हादसों को भी टाला जा सकता है।
संबंधित पोस्ट
पहलगाम आतंकी हमला: नया वीडियो वायरल, टूरिस्टों की बेबसी की तस्वीर आई सामने
पहलगाम में अतुल कुलकर्णी का दौरा, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान
“कभी भी, कहीं भी”: भारतीय नौसेना की युद्ध रणनीति का प्रदर्शन