कोलकाता, पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। शुक्रवार को हुई इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए और स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है। इस मामले में अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर विरोध प्रदर्शन बंगाल के मुस्लिम-बहुल मुर्शिदाबाद जिले में शुरू हुआ था, जिसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि इस कानून के जरिए वक्फ संपत्तियों की प्रशासनिक और वित्तीय व्यवस्था पर केंद्रीय सरकार का नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जो उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है।
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के तहत सरकार ने वक्फ बोर्डों के अधिकारों को और बढ़ा दिया है। इसके तहत केंद्र सरकार को अधिक अधिकार दिए गए हैं ताकि वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन किया जा सके। हालांकि, इस कानून का विरोध करने वाले कहते हैं कि यह मुसलमानों की धार्मिक स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने वाला कदम है। उनका यह भी कहना है कि इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता का अभाव हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप संपत्तियों का गलत तरीके से उपयोग हो सकता है।
विरोध प्रदर्शन और हिंसा
मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, जब सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क पर बैंरिकेड्स लगा दिए। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद, प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और हिंसा फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए हैं।
गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने हिंसा में शामिल 118 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर दंगा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले का आरोप है। पुलिस प्रशासन ने स्थानीय स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। साथ ही, जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है ताकि स्थिति और नहीं बिगड़े।
सरकार की प्रतिक्रिया और कड़ी कार्रवाई
पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंसा की कड़ी निंदा की है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया है। राज्य सरकार ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को पूरी छूट दी गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान जारी कर कहा कि हिंसा का कोई स्थान नहीं है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया और 5 और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) कंपनियों को मुर्शिदाबाद जिले में तैनात करने का आदेश दिया है। केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस भी स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रही है।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में हिंसा से स्थानीय मुस्लिम समुदाय गहरे आहत हैं। उनका कहना है कि यह कानून उनके धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है। मुर्शिदाबाद के कई स्थानीय नेताओं ने इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक राजनीतिक कदम बताया और कहा कि इस कानून से उनकी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को भी अलोकतांत्रिक बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग कर रहा है।
भविष्य की दिशा
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती और गिरफ्तारी की प्रक्रिया के बाद भी, स्थानीय समुदायों के बीच असंतोष और तनाव कम नहीं हुआ है। राजनीतिक दलों और समाजिक संगठनों ने इस विवाद पर अपनी-अपनी राय व्यक्त की है, और यह स्पष्ट है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अभी थमता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
यहां तक कि सरकार ने इस विवाद को शांत करने के लिए बातचीत की संभावनाओं को भी खोला है, लेकिन किसी भी समाधान तक पहुंचने से पहले यह देखना होगा कि क्या सरकार और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के बीच कोई समझौता हो सकता है।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का विरोध अब बंगाल में एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है, जिससे राज्य और केंद्र सरकार के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा और उसके बाद की घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि इस मुद्दे पर सामाजिक और धार्मिक तनाव बढ़ सकता है। राज्य और केंद्र सरकार को इस मामले में संयम और समझदारी से काम लेना होगा ताकि इस विवाद को शांतिपूर्वक हल किया जा सके और आगे ऐसी हिंसा से बचा जा सके।
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