जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले में अब तक 26 निर्दोष नागरिकों की जान जा चुकी है, और कई घायल हैं। अधिकारियों ने इसे हाल के वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला करार दिया है। इस दर्दनाक घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी राजकीय यात्रा को बीच में ही समाप्त करने का निर्णय लिया है और आज रात ही भारत लौटने वाले हैं।
सूत्रों के अनुसार, जैसे ही प्रधानमंत्री को इस हमले की जानकारी मिली, उन्होंने उच्च स्तरीय आपातकालीन बैठक की और विदेश मंत्रालय के माध्यम से सऊदी अरब को भारत वापसी के फैसले की सूचना दी।
हमले की भयावहता:
यह आतंकी हमला मंगलवार दोपहर उस वक्त हुआ जब पहलगाम क्षेत्र में स्थानीय नागरिक और कुछ पर्यटक एक धार्मिक स्थल के दर्शन के लिए जा रहे थे। अचानक घात लगाए आतंकियों ने बस और आसपास मौजूद आम लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमले में बच्चों और महिलाओं समेत कई मासूमों की जान चली गई। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकी घने जंगलों में भाग निकले।
स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, यह हमला बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान जारी है।
पीएम मोदी की कड़ी प्रतिक्रिया:
पीएम मोदी ने सऊदी अरब से ही एक बयान जारी कर इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, “यह हमला भारत की अखंडता और आम नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा हमला है। आतंक के इस कायराना कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी सूचना के मुताबिक, पीएम मोदी आज रात विशेष विमान से भारत लौट रहे हैं, और देश पहुंचते ही वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से आपात बैठक करेंगे।
सऊदी यात्रा बीच में छोड़ी
प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही थी, जिसमें रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी, रक्षा सहयोग और निवेश जैसे विषयों पर बातचीत होनी थी। लेकिन पीएम मोदी ने इस संकट की घड़ी में देश की सुरक्षा और जनता की चिंता को प्राथमिकता देते हुए विदेश यात्रा स्थगित कर दी।
राजनीति में तेज़ हलचल
हमले के बाद राजनीतिक गलियारों में भी तेज़ हलचल देखी जा रही है। विपक्षी दलों ने जहां इस हमले पर दुख जताया है, वहीं सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “देश में नागरिक असुरक्षित हैं, सरकार को केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे।”
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में प्रेस वार्ता कर कहा, “हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही कार्रवाई होगी और देश को सख्त संदेश दिया जाएगा कि आतंक का कोई स्थान नहीं है।”
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चाक-चौबंद
हमले के बाद केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करने का निर्णय लिया है। सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में तेजी लाई गई है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद हो सकते हैं।
इस हमले का देश की आंतरिक सुरक्षा नीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है।
जनता में गुस्सा और शोक
उत्तर भारत के कई इलाकों में इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च आयोजित किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी गुस्सा साफ देखा जा सकता है। लोग एकजुट होकर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ समेत कई शहरों में लोगों ने हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और आतंक के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
जम्मू-कश्मीर में हुए इस वीभत्स हमले ने एक बार फिर देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अभी अधूरी है। प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया और भारत वापसी इस बात का संकेत है कि सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इस दर्दनाक घटना का जवाब किस प्रकार देती है और देश की आंतरिक सुरक्षा को कैसे मजबूत बनाती है।

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