ओवैसी का पाक पर निशाना: आतंकवाद का केंद्र, FATF ग्रे लिस्ट की मांग

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र करार देते हुए कड़ा बयान दिया है। अल्जीरिया में आयोजित एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैसे आईएसआईएस और अल-कायदा न केवल संगठनात्मक रूप से, बल्कि विचारधारा में भी एक समान हैं। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि यह विचारधारा इस्लाम की मूल शिक्षाओं के खिलाफ है, जो किसी भी निर्दोष व्यक्ति की हत्या को अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

आतंकवाद: वैश्विक चुनौती

ओवैसी ने आतंकवाद को केवल दक्षिण एशिया तक सीमित न मानते हुए इसे वैश्विक समस्या बताया। उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह आज भी पाकिस्तान में खुलेआम रह रहा है और उसे वहां सहूलियतें दी जा रही हैं। ओवैसी ने सवाल उठाया कि कोई भी जिम्मेदार देश ऐसे आतंकवादी को बर्दाश्त नहीं करता, लेकिन पाकिस्तान ने उसे न केवल संरक्षण दिया, बल्कि जेल में रहते हुए भी उसे सुविधाएं प्रदान कीं।

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FATF ग्रे लिस्ट की मांग

ओवैसी ने पाकिस्तान को फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल विचारधारा से नहीं, बल्कि धन और समर्थन से भी पनपता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब 2018 में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में था, तब भारत में आतंकी घटनाओं में कमी देखी गई थी। FATF एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखता है। ग्रे लिस्ट में शामिल होने से किसी देश की वैश्विक वित्तीय विश्वसनीयता कम होती है, जिससे आतंकी संगठनों को फंडिंग मिलना कठिन हो जाता है।

भारत-अल्जीरिया रक्षा समझौता

ओवैसी ने नवंबर 2024 में भारत और अल्जीरिया के बीच हुए रक्षा समझौते की सराहना की। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का मजबूत संकेत बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय प्रधानमंत्री जल्द ही अल्जीरिया का दौरा करेंगे और अल्जीरिया के राष्ट्रपति भारत आएंगे। यह दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

अल्जीरिया के अनुभव से सीख

ओवैसी ने अल्जीरिया के 1990 के दशक के ‘काले दशक’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और अल्जीरिया आतंकवाद के खिलाफ समान अनुभव साझा करते हैं। उस समय अल्जीरिया में आतंकवाद अपने चरम पर था, और भारत भी आतंकवाद से जूझ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति विकसित कर सकते हैं। यह सहयोग न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगा।

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