भारत ने शनिवार को एक अहम घोषणा की है जिसमें उसने ईरान में अपने निकासी प्रयासों का विस्तार करते हुए नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है। यह फैसला दोनों देशों के औपचारिक अनुरोधों के बाद लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच वहां फंसे सभी भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकालना है।
ईरान में बढ़ते तनाव और भारत की प्रतिक्रिया
मध्य पूर्व में सुरक्षा स्थिति में तेज़ी से बदलाव के कारण भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है। इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाने के लिए सैन्य कदम उठाए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। ईरान ने भी इसके जवाब में सख्त रुख अपनाया है। इस स्थिति को देखते हुए, भारत ने अपने नागरिकों के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत निकासी अभियान तेज़ कर दिया है।

तेहरान में भारतीय दूतावास की महत्वपूर्ण भूमिका
तेहरान में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को सूचना दी कि अब वे भी भारत के निकासी प्रयासों में शामिल होंगे। इसके साथ ही दूतावास ने तीन आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किए हैं: +989010144557, +989128109115, और +989128109109। नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे टेलीग्राम या इन नंबरों के माध्यम से तुरंत संपर्क करें ताकि उनकी सहायता की जा सके।
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ऑपरेशन सिंधु: भारत का सुरक्षित निकासी अभियान
भारतीय सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत तेजी से निकासी अभियान शुरू किया है ताकि ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला जा सके। शनिवार सुबह एक विशेष विमान अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान) से दिल्ली पहुंचा, जिसमें भारतीय नागरिक सवार थे। इसके अलावा, शुक्रवार देर रात, ईरान के मशहद से लगभग 290 भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस भारत लाया गया। इनमें ज्यादातर छात्र जम्मू और कश्मीर के थे। यह निकासी ईरान द्वारा अपना हवाई क्षेत्र खोलने के बाद संभव हुई है।
नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों के लिए भारत का समर्थन
नेपाल और श्रीलंका सरकारों के अनुरोध पर भारत ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उनके नागरिकों को भी सुरक्षा प्रदान करने का कदम उठाया है। यह पहल भारत की पड़ोसी देशों के प्रति दोस्ताना और सहयोगपूर्ण नीति को दर्शाती है। निकासी अभियान के तहत नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी सुरक्षित रूप से भारत या उनके देश वापस भेजने का प्रयास किया जाएगा।

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