पंजाब – वो राज्य जिसे कभी भारत की आन, बान और शान कहा जाता था, आज नशे की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है। इसकी ताज़ा और बेहद चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें वह सरेआम स्मैक (Heroine) पीता हुआ नजर आ रहा है।इस वीडियो ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है और एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है – जब सुरक्षाकर्मी ही नशे की गिरफ्त में आ जाएं, तो जनता किस पर भरोसा करे?
वायरल वीडियो पुलिसकर्मी चारपाई पर बैठकर स्मैक पीता दिखा
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक पुलिसवर्दी में तैनात जवान, चारपाई पर बैठा है और नशे की हालत में स्मैक सूंघ रहा है। उसके बगल में मौजूद एक व्यक्ति पूरे घटनाक्रम को अपने मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड कर रहा है।वीडियो के सामने आते ही पंजाब पुलिस हरकत में आई और तुरंत पुलिसकर्मी की पहचान कर उसे तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही, आंतरिक जांच (Departmental Enquiry) शुरू कर दी गई है और विभाग ने कहा है कि कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सवाल गंभीर हैं सिर्फ ट्रांसफर से बात बनेगी?
सोशल मीडिया पर लोग खुलकर नाराज़गी जता रहे हैं। ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग पूछ रहे हैं:
- क्या सिर्फ ट्रांसफर ही पर्याप्त है?
- क्या ऐसे पुलिसकर्मियों को कानूनी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए?
- क्या यही है वो सिस्टम जो हमें सुरक्षा देने का दावा करता है?
लोगों का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि यह उस पूरे तंत्र की बीमारी को उजागर करता है जिसमें नशा अब जड़ तक पहुंच चुका है।
पंजाब में नशे की समस्या कितनी गंभीर है?
पिछले एक दशक से पंजाब में ड्रग्स का कारोबार बेतहाशा बढ़ा है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि पंजाब के ग्रामीण इलाकों में हर तीसरा युवा किसी न किसी नशे की चपेट में है। अब तो हालत यह है कि सरकारी तंत्र के भीतर – खासकर पुलिस बल में भी नशे की लत ने घर बना लिया है।ये कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कई बार पुलिसकर्मियों के नशे में पकड़े जाने, ड्रग्स की तस्करी में लिप्त पाए जाने या फिर नशेड़ियों को संरक्षण देने के आरोप सामने आ चुके हैं।
नशा मुक्ति या सिस्टम सुधार?
पंजाब सरकार द्वारा नशा मुक्ति केंद्र, ड्रग्स विरोधी अभियान, और पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स जैसे कई प्रयास किए गए हैं। लेकिन अगर पुलिस बल का हिस्सा ही नशे में डूबा हो, तो उन अभियानों की सफलता पर सवाल खड़े होते हैं।इस बात को अब नकारा नहीं जा सकता कि केवल कार्रवाई और ट्रांसफर से समाधान नहीं निकलेगा। अब समय आ गया है कि:
- पूरे सिस्टम की स्क्रीनिंग हो
- दोषियों को सख्त कानूनी सजा मिले
- पुलिस बल के भीतर नशा विरोधी जागरूकता फैलाई जाए
- मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग को प्राथमिकता दी जाए
अब बदलाव ज़रूरी है
पंजाब में नशे की समस्या अब एक सामाजिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन चुकी है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो पूरा समाज खतरे में आ जाता है।यह वीडियो सिर्फ एक संकेत है कि अब बदलाव की ज़रूरत है – व्यक्तिगत, संस्थागत और राजनीतिक स्तर पर। वरना एक समय था जब पंजाब हरित क्रांति का नेतृत्व करता था, अब कहीं ऐसा न हो कि उसे नशे का केंद्र माना जाने लगे।
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