शपथ ग्रहण समारोह में गूंजा सियासी शोर
शुक्रवार को सीपी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। इस ऐतिहासिक समारोह में कई दिग्गज नेता मौजूद रहे, लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने सियासी हलचल मचा दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां इसे लेकर सवाल उठाए, वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर तीखा पलटवार किया। कांग्रेस ने कहा कि असल मुद्दा राहुल गांधी की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी है, जो इस समारोह में पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।
कांग्रेस का धनखड़ पर तंज
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस मौके पर तंज कसते हुए कहा, “मुद्दा यह नहीं कि राहुल गांधी समारोह में थे या नहीं। असल सवाल यह है कि जगदीप धनखड़ को वहां मौजूद रहने और अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति मिली।” खेड़ा ने सवाल उठाया कि आखिर धनखड़ को बोलने की आजादी कब मिलेगी। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी। खेड़ा ने एक पोस्ट में लिखा, “जगदीप, अब शांति से आराम करो। मुझे हमारी तीखी और बेबाक बहसें हमेशा याद रहेंगी। आखिरी बार हम मई में एक किताब विमोचन में मिले थे, जो यादगार था।” इस पोस्ट के साथ शेयर की गई तस्वीर ने धनखड़ पर उनके तंज को और भी स्पष्ट कर दिया।
समारोह में शामिल हुए दिग्गज नेता
राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में देश के कई प्रमुख नेता शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं ने इस समारोह में शिरकत की। इसके अलावा, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू भी मौजूद रहे। विशेष रूप से, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति ने सभी का ध्यान खींचा, क्योंकि यह उनके पद से इस्तीफा देने के बाद पहला सार्वजनिक अवसर था।
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सियासी तकरार का केंद्र बनी अनुपस्थिति
राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर भाजपा ने कड़ा रुख अपनाया और इसे समारोह के प्रति असम्मान बताया। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को दरकिनार करते हुए धनखड़ की मौजूदगी को प्रमुखता दी। इस सियासी तकरार ने एक बार फिर दोनों दलों के बीच तनातनी को उजागर किया। जहां भाजपा ने इसे राष्ट्रीय महत्व के अवसर पर विपक्ष की गैर-जिम्मेदाराना रवैया करार दिया, वहीं कांग्रेस ने इसे धनखड़ के सार्वजनिक जीवन में वापसी से जोड़कर पेश किया।
नया अध्याय, नई जिम्मेदारी
सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण देश के लिए एक नया अध्याय है। उनके अनुभव और नेतृत्व से उम्मीद की जा रही है कि वह इस पद की गरिमा को और सुदृढ़ करेंगे। समारोह में मौजूद नेताओं और पूर्व उपराष्ट्रपतियों की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। हालांकि, राहुल गांधी की अनुपस्थिति और कांग्रेस के तंज ने इस समारोह को सियासी रंग दे दिया, जिसकी चर्चा लंबे समय तक जारी रहने की संभावना है।

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