नेपाल की राजनीति में एक नई लहर उठ रही है, और इसकी अगुवाई कर रही है जनरेशन जेड की युवा शक्ति। इस आंदोलन ने न केवल देश की सियासत को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह एक नए नेपाल के निर्माण की उम्मीद भी जगा रहा है। जनरेशन जेड के युवा नेता ओजस्वी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमें अभी एक अंतरिम सरकार की जरूरत है, और इसके लिए हमने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की का नाम प्रस्तावित किया है।” यह आंदोलन सिर्फ सत्ता परिवर्तन की मांग नहीं, बल्कि एक नई सोच और युवा नेतृत्व का प्रतीक है।
सुषिला कार्की: एक मजबूत नेतृत्व की उम्मीद
सुषिला कार्की, जो नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, जनरेशन जेड की पहली पसंद बनकर उभरी हैं। उनकी स्वच्छ छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख ने उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाया है। ओजस्वी का कहना है, “सुषिला कार्की इस देश को मजबूती से आगे ले जा सकती हैं। हमारा लक्ष्य मौजूदा संसद को भंग करना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, और संविधान का सम्मान करते हुए जरूरी बदलाव करना है।” कार्की की संभावित नियुक्ति न केवल नेपाल के लिए ऐतिहासिक होगी, बल्कि यह जनरेशन जेड की परिपक्व सोच को भी दर्शाएगी, जो अनुभव और नई ऊर्जा का संतुलन चाहती है।
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जनरेशन जेड: हर युवा एक नेता
जनरेशन जेड का यह आंदोलन रातों-रात शुरू नहीं हुआ। यह उन युवाओं की आवाज है, जो पुरानी व्यवस्था से तंग आ चुके हैं। ओजस्वी का नारा, “हम सभी Gen-Z हैं, हम सभी नेता हैं,” इस बात को रेखांकित करता है कि नेतृत्व अब किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। यह आंदोलन हर उस युवा की हिस्सेदारी का प्रतीक है, जो बदलाव चाहता है। इन युवाओं का मानना है कि नेतृत्व का मतलब है हर आवाज को सुनना और मिलकर देश को बेहतर बनाना। यह नई राजनीति की शुरुआत है, जहां भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ युवा एकजुट हो रहे हैं।
पर्यटकों की सुरक्षा: Gen-Z की इंसानियत
हाल के विरोध प्रदर्शनों के बीच नेपाल ने एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। राजकोट के पर्यटक मौलिक पटेल, जो प्रदर्शनों के दौरान नेपाल में थे, ने बताया, “मैंने सड़कों पर प्रदर्शन देखे, लेकिन मुझे होटल पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई। मैं पूरी अवधि सुरक्षित रहा और अब भारत लौट रहा हूं।” जनरेशन जेड ने साफ कर दिया कि उनका निशाना सरकारी संस्थानों और भ्रष्टाचार पर था, न कि पर्यटकों या आम नागरिकों पर। कोई भी पर्यटक हिंसा का शिकार नहीं हुआ, जो इन युवाओं की जागरूकता और मानवता को दर्शाता है।
बदलाव की लड़ाई में शांति का संदेश
नेपाल के युवा नेताओं ने बार-बार कहा, “हमारा मकसद बदलाव है, हिंसा नहीं।” यह आंदोलन भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और सामाजिक असमानता के खिलाफ है, लेकिन इसने पर्यटकों और आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। जनरेशन जेड का यह दृष्टिकोण दर्शाता है कि बदलाव की लड़ाई में भी इंसानियत को बनाए रखा जा सकता है। यह आंदोलन न केवल नेपाल के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है कि युवा शक्ति सही दिशा में इस्तेमाल हो, तो वह सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
नेपाल का नया भविष्य
जनरेशन जेड का यह आंदोलन सिर्फ एक राजनीतिक उथल-पुथल नहीं है। यह एक जागरूकता, एक उम्मीद, और एक क्रांति है। सुषिला कार्की के नेतृत्व में यह युवा पीढ़ी एक ऐसे नेपाल का सपना देख रही है, जहां कानून का शासन हो, भ्रष्टाचार का अंत हो, और हर नागरिक की आवाज सुनी जाए। यह नया नेपाल न केवल युवाओं की ऊर्जा से संचालित होगा, बल्कि यह अनुभव और विश्वास के संतुलन पर भी टिका होगा। क्या आप इस नए नेपाल के सफर में साथ चलने को तैयार हैं?

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