November 18, 2025

टी रामा राव ने राहुल गांधी पर किया हमला तेलंगाना में कांग्रेस में शामिल होने पर चुप्पी

टी रामा राव का राहुल गांधी पर तीखा हमला
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष टी रामा राव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर शुक्रवार को तीखा हमला बोला। राव ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी तेलंगाना में बीआरएस से कांग्रेस में शामिल होने की लहर पर पूरी तरह चुप हैं। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक प्रथा करार दिया और इसे देश की राजनीतिक प्रक्रिया के लिए गंभीर खतरा बताया।

राव ने बताया “वोट चोरी से बड़ा अपराध”
टी रामा राव ने कहा कि यह चुप्पी केवल असंवैधानिक नहीं है, बल्कि यह उस तथाकथित वोट चोरी से भी बड़ा अपराध है, जिस पर राहुल गांधी अक्सर चर्चा करते रहते हैं। राव ने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि कांग्रेस नेतृत्व ऐसे मामलों में क्यों मौन साधे हुए है और क्या उनके द्वारा उठाए गए वादे और लोकतांत्रिक मूल्यों के सिद्धांत इस पर लागू होते हैं।

तेलंगाना में राजनीतिक उठापटक
तेलंगाना में बीआरएस से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं की लहर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम ने विपक्ष और सत्ता दोनों ही पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को तेज कर दिया है। राव के आरोपों ने कांग्रेस के नेतृत्व की आलोचना को और अधिक व्यापक बना दिया है।

राजनीतिक विश्लेषक क्या कहते हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि टी रामा राव का बयान न केवल राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमला है, बल्कि यह कांग्रेस की आंतरिक कमजोरियों और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाने का तरीका भी है। राज्य स्तर की राजनीतिक घटनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना पार्टियों के लिए रणनीतिक लाभ या नुकसान दोनों ही ला सकता है।

सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। लोगों ने राव के आरोपों पर समर्थन और विरोध दोनों ही व्यक्त किए हैं। कई लोग इसे कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाने वाला सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं।

अंतिम विचार
टी रामा राव का यह हमला राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व की जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह घटनाक्रम दिखाता है कि राजनीतिक दलों को अपनी नीतियों और निर्णयों के प्रति जनता को स्पष्ट और जवाबदेह रहना कितना जरूरी है। तेलंगाना की राजनीतिक हलचल अब राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गई है, और आने वाले दिनों में इसके राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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