November 18, 2025

अहमदाबाद में 15 साल बाद मिला मूक-बधिर युवक पंकज, बचपन के दोस्त ने पहचाना

अहमदाबाद से आई दिल को छू लेने वाली कहानी
अहमदाबाद से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो किसी फिल्मी ड्रामे से कम नहीं। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से 15 साल पहले लापता हुआ मूक-बधिर युवक पंकज आखिरकार अपने परिवार से मिल सका। पंकज को अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से पुलिस ने पाया। उसकी हालत को देखकर उसे नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन के पास मूक-बधिर स्कूल में दाखिल कराया गया।

पुलिस की देखभाल और सुरक्षा
पिछले सात सालों से पंकज नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन में रह रहा था। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उसकी देखभाल की और सुनिश्चित किया कि उसे सुरक्षित माहौल मिले। उनकी देखभाल और प्रयासों ने पंकज के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा की नींव रखी।

बचपन का दोस्त और अनोखी पहचान
सबसे रोमांचक मोड़ तब आया जब पंकज का बचपन का दोस्त नीरज यादव, जो नवरंगपुरा में सुरक्षा गार्ड है, उसे पहचान गया। नीरज ने पंकज के दाहिने हाथ पर बने राम-सीता के टैटू को देखा और तुरंत समझ गया कि यह वही उसका बचपन का यार है। यह पहचान न केवल पंकज के लिए, बल्कि उसके परिवार और दोस्तों के लिए भी एक अद्भुत पल साबित हुई।

पुनर्मिलन और परिवार से मुलाकात
इस अनोखी पहचान के बाद पुलिस ने पंकज के परिवार से वीडियो कॉल करवाई। 15 साल बाद पंकज ने अपने माता-पिता और परिवार से मिलकर अपने जीवन का सबसे बड़ा पल महसूस किया। यह घटना न केवल पुनर्मिलन का प्रतीक बनी, बल्कि उम्मीद और धैर्य का भी संदेश दे गई।

कहानी से मिली प्रेरणा
पंकज की कहानी यह सिखाती है कि जीवन में उम्मीद कभी खत्म नहीं होती। चाहे कितने साल बीत जाएँ, सही समय पर सही पहचान और प्रयास से जीवन के रिश्ते फिर से जुड़ सकते हैं। यह कहानी समाज में मूक-बधिर और लापता बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की भी महत्वपूर्ण याद दिलाती है।

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