पाक गोलीबारी में 15 की मौत, भारत का ऑपरेशन सिंदूर

जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सीमा पार से पाकिस्तानी हमलों की चपेट में आ गया है। बुधवार को पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भारी गोलाबारी और मिसाइल हमले किए, जिसमें कम से कम 15 नागरिकों की जान चली गई और 43 घायल हुए। इन हमलों का भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ा जवाब दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया।

गोलीबारी के बाद तबाही का मंजर
पुंछ जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां सभी मौतें दर्ज की गईं। 43 घायलों में से 30 भी इसी जिले से हैं। मृतकों में कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। जिन इलाकों में भारी तबाही हुई, उनमें बालाकोट, मेंढर, कृष्णा घाटी, गुलपुर, मंकोट, और पुंछ जिला मुख्यालय शामिल हैं। मेंढर के बस स्टैंड पर भी मोर्टार गिरे। घर, वाहन, और सार्वजनिक ढांचे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।

पीड़ितों की व्यथा
स्थानीय निवासी अब्दुल हुसैन ने ANI से बताया, “अचानक भारी फायरिंग शुरू हो गई। यह रात भयावह थी। सरकार ने जो बंकर बनाने का वादा किया था, उनमें से सिर्फ 30 प्रतिशत ही पूरे हुए हैं।” एक घायल महिला ने कहा, “हमारा घर पूरी तरह बर्बाद हो गया है, अब कहां जाएंगे?”

ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई
भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाक और PoJK में स्थित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के नौ ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर जैसे ठिकाने शामिल थे, जिन्हें लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का केंद्र माना जाता रहा है।

उच्च सतर्कता और स्कूल बंद
जम्मू संभाग के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि पुंछ, राजौरी, जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। कश्मीर विश्वविद्यालय ने भी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट को एहतियातन कुछ समय के लिए बंद किया गया।

रक्षा मंत्री और सेना का रुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि इस हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा।” वहीं, सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की कई चौकियों को नष्ट किया है और कई पाकिस्तानी सैनिकों के हताहत होने की सूचना है।

संघर्ष विराम की विफलता
24 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से अब तक 13 रातों तक लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन हो चुका है। भारत ने इस हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। अब संघर्ष की आग LoC से लेकर जम्मू के अखनूर, सुंदरबनी, नौशेरा और पारगवाल तक फैल चुकी है।

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