जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 निर्दोषों की मौत, राज्यों ने सहायता की घोषणा की

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें से छह महाराष्ट्र और तीन गुजरात से थे। यह हमले ने ना केवल जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों को दहला दिया, बल्कि पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की भावना को भी प्रबल किया। मृतकों के परिजनों को सहायता पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों ने तुरंत कदम उठाए हैं, ताकि शोक संतप्त परिवारों को मदद मिल सके।

आतंकवादी हमले का विवरण

22 अप्रैल को पहलगाम के शांत वातावरण में हुए इस हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। मृतकों में छह लोग महाराष्ट्र और तीन लोग गुजरात से थे। इस हमले ने राज्य और केंद्र सरकार को एकजुट होकर पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता देने की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

महाराष्ट्र सरकार की मदद

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हमले को “कायरतापूर्ण कृत्य” करार दिया और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था में पूरी तरह से मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में फंसे अन्य महाराष्ट्र के पर्यटकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया भी चल रही है। महाराष्ट्र सरकार ने अब तक 275 यात्रियों से संपर्क किया है और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ठहरने और यात्रा की व्यवस्था की जा रही है।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह खुद पर्यटकों की सुरक्षित वापसी की निगरानी कर रहे हैं। शिंदे ने बताया कि कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे की एक टीम पहले ही श्रीनगर पहुंच चुकी है और वह स्थानीय स्तर पर मदद प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की सहायता में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी रहेगी।

गुजरात सरकार का समर्थन

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी इस हमले पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री पटेल ने यह भी कहा कि वह खुद भावनगर जाकर इस हमले में मारे गए पिता-पुत्र यतीश और स्मित परमार को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। सूरत के शैलेश कलथिया भी इस हमले में जान गंवाने वालों में शामिल थे।

गुजरात सरकार ने इस दुखद समय में पीड़ित परिवारों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का वचन लिया है और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

जम्मू-कश्मीर सरकार की सहायता

जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले ही मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की है। मामूली रूप से घायल हुए लोगों के लिए भी 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि वह हर संभव कदम उठाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता

इस हमले ने पूरे देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट किया है। जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों में आतंकवादियों द्वारा किए गए इस कायरतापूर्ण हमले ने यह सिद्ध कर दिया कि आतंकवाद किसी भी समुदाय, राज्य या व्यक्ति के लिए नहीं होता। यह एक वैश्विक समस्या है, जिससे लड़ने के लिए हमें सभी देशों को साथ लेकर चलना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से समर्थन देने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले ने देश को एकजुट किया है और हम आतंकवादियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई

इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियां इस हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही हैं।

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद एक घातक बीमारी है, जिसे खत्म करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। महाराष्ट्र, गुजरात और जम्मू-कश्मीर सरकारों ने इस दुखद घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की और मृतकों के परिवारों को सहायता पहुंचाने की दिशा में कदम उठाए। देश भर में इस हमले के खिलाफ गहरी संवेदना और एकजुटता का माहौल है। यह समय हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ उठानी होगी और इसकी जड़ें समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।

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