जाको राखे साईया मार सके न कोय अहमदाबाद प्लेन क्रैश में चमत्कारिक बचाव की कहानी ये कहावत आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन आज ये कहावत हकीकत बनकर सामने आई है । अहमदाबाद में हुए भीषण प्लेन क्रैश में इस हादसे की तस्वीरें देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। चारों ओर आग की लपटें अफरा-तफरी और चीख-पुकार का मंज़र। लेकिन इन सबके बीच एक चमत्कार हुआ एक यात्री बच गया ज़िंद सही-सलामत।
उसका नाम है रमेश विश्वास कुमार
नंबर-11 की सीट पर बैठे थे। जैसे ही प्लेन क्रैश हुआ, रमेश तुरंत कूद पड़े। होश और हिम्मत दोनों बनाए रखे। और यही उनकी जान बचाने वाला फैसला साबित हुआ। हादसे के बाद वे घटनास्थल पर टहलते नजर आए, बिल्कुल शांत, लेकिन आंखों में डर की झलक साफ थी। उन्होंने मीडिया से कहा बस भगवान ने बचा लिया… कुछ समझ नहीं आया… आग की लपटों में सब कुछ खत्म हो गया लेकिन मैं किसी तरह बाहर निकल गया। पुलिस ने भी पुष्टि की है । जो एक शख्स बचा है, उसका नाम विश्वास कुमार है। वह दीव (गुजरात के पास का केंद्रशासित प्रदेश) का रहने वाला है। धमाका इतना जबरदस्त था कि चारों ओर धुआं और आग ही आग थी। लेकिन शायद ऊपर वाले की मर्जी थी कि विश्वास कुमार को कुछ नहीं होना था।
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क्या कहती है ये घटना?
इस हादसे ने एक बार फिर हमें याद दिला दिया कि ज़िंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में होती है। जहां कोई उम्मीद नहीं होती, वहीं से एक नई शुरुआत की किरण फूटती है। रमेश विश्वास कुमार की ये कहानी न सिर्फ चमत्कार की मिसाल है। बल्कि ये भी बताती है कि मुसीबत की घड़ी में धैर्य और फुर्ती से काम लेना जान बचा सकता है।
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