Air India AI171 क्रैश: डैमेज ब्लैक बॉक्स से जांच में उलझन, अब क्या?

12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुबई से अहमदाबाद आते समय रनवे से पहले क्रैश हो गई। इस भयानक दुर्घटना में 270 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। अब जबकि देश हादसे की वजह जानने को बेचैन है, जांच की सबसे बड़ी उम्मीद — ब्लैक बॉक्स — खुद सवालों के घेरे में है।

ब्लैक बॉक्स क्या होता है और क्यों जरूरी है?

ब्लैक बॉक्स दो मुख्य हिस्सों में होता है:

  • FDR (Flight Data Recorder): यह विमान की उड़ान के दौरान की तकनीकी जानकारी जैसे गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति रिकॉर्ड करता है।
  • CVR (Cockpit Voice Recorder): यह पायलट और को-पायलट की बातचीत, अलार्म्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ संवाद रिकॉर्ड करता है।

किसी भी विमान हादसे के कारणों की तह तक जाने के लिए ये दोनों रिकॉर्डिंग सबसे अहम सबूत मानी जाती हैं।

क्या हुआ AI171 के ब्लैक बॉक्स के साथ?

क्रैश के बाद जो ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ, वो देखने में सुरक्षित था लेकिन अंदर से डैमेज हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, इंजन फेलियर और क्रैश के कारण उत्पन्न गर्मी और कंपन की वजह से ब्लैक बॉक्स की मेमोरी यूनिट को नुकसान पहुंचा है। भारतीय एजेंसियों ने डाटा रिकवर करने की कोशिश की, लेकिन अब इसे अमेरिका की NTSB लैब में भेजने पर विचार हो रहा है।

क्या भारत के पास खुद की टेक्नोलॉजी नहीं है?

DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की माने तो भारत में अभी ऐसे एडवांस डिकोडिंग संसाधन मौजूद नहीं हैं जो गंभीर रूप से डैमेज ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाल सकें। यह एक बड़ा सवाल है: क्या भारत को अब भी अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर रहना चाहिए या अपनी टेक्नोलॉजी विकसित करनी चाहिए?

शुरुआती जांच में क्या सामने आया?

ब्लैक बॉक्स डेटा न मिलने के बावजूद कुछ संभावनाएं सामने आई हैं:

  • इंजन और इलेक्ट्रिकल फेलियर के कारण विमान ने पावर खो दी।
  • Ram Air Turbine (RAT) समय पर सक्रिय नहीं हुआ।
  • पायलट्स को पूरी जानकारी न मिलने से विमान को मैन्युअल मोड में लैंड करना पड़ा।

ATC रिकॉर्डिंग्स में “loss of power” और “unable to hold altitude” जैसे संदेश दर्ज हैं, जिससे साफ है कि विमान में कुछ गंभीर तकनीकी समस्या आई थी। लेकिन उस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए ब्लैक बॉक्स डेटा ही एकमात्र रास्ता है।

अब क्या होगा?

सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजा जा सकता है, जहां डेटा रिकवरी में 3 से 4 हफ्ते का समय लग सकता है। इसके बाद ही AI171 क्रैश की फाइनल रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट से ही तय होगा कि हादसे के पीछे तकनीकी खामी थी, मानवीय गलती थी, या कोई और कारण।

क्या ये हादसा भारत की एविएशन सुरक्षा पर सवाल है?

AI171 क्रैश ने भारत की एविएशन सुरक्षा, विमान रखरखाव और इमरजेंसी रिस्पॉन्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एयरलाइंस नियमित मेंटेनेंस कर रही हैं? क्या क्रू को पर्याप्त ट्रेनिंग मिल रही है? और क्या भारत में ऐसी जांचों के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता है?AI171 विमान हादसा केवल एक ट्रैजेडी नहीं, बल्कि भारत की एविएशन नीति, टेक्नोलॉजी और व्यवस्था का लिटमस टेस्ट है। ब्लैक बॉक्स की स्थिति ने जांच को मुश्किल बना दिया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका में डेटा रिकवर कर लिया जाएगा और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा।

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