अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए इस साल 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29-30 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर का दौरा कर यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षाबलों को उच्च स्तर की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इस बार यात्रा के दोनों प्रमुख मार्गों—पहलगाम और बालटाल—पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 581 कंपनियां तैनात की जाएंगी, जिनमें कुल 52,290 जवान शामिल होंगे। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अतिरिक्त होंगे।

केंद्रीय बलों की तैनाती का विवरण

गृह मंत्रालय ने इस व्यापक सुरक्षा योजना को मंजूरी दे दी है। 581 कंपनियों में सबसे अधिक 219 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की होंगी। इसके अलावा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 143, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 97, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 62 और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की 60 कंपनियां तैनात होंगी। ये बल जून के मध्य से दोनों मार्गों की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन कर अपनी तैनाती शुरू करेंगे। प्रत्येक कंपनी में औसतन 90 जवान होंगे, जिससे यात्रा के दौरान सुरक्षा का मजबूत ढांचा सुनिश्चित होगा।

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उन्नत तकनीक से निगरानी

यात्रा की सुरक्षा के लिए इस बार उन्नत तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। ड्रोन और हेलिकॉप्टर से हवाई निगरानी की जाएगी, जबकि डॉग स्क्वॉड जमीन पर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करेंगे। बेस कैंप तक पहुंचने वाली सभी गाड़ियों को टैग किया जाएगा ताकि उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक वाहन जो श्रद्धालुओं को बेस कैंप तक लेकर जाता है, वह वापस भी आए। इसके अतिरिक्त, अमरनाथ की पवित्र गुफा तक और वहां से वापसी के दौरान श्रद्धालुओं की गिनती का रियल-टाइम रिकॉर्ड रखा जाएगा। इससे किसी भी श्रद्धालु के लापता होने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव होगी।

यात्रा का समय और समीक्षा

इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए गृह मंत्री के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात, सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने भी जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। इन अधिकारियों ने यात्रा मार्गों की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

अमरनाथ यात्रा लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है। आतंकी खतरों के बावजूद, केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। व्यापक सुरक्षा इंतजामों और तकनीकी निगरानी के साथ, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रद्धालु बिना किसी भय के अपनी आध्यात्मिक यात्रा पूरी कर सकें।

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