ऐपल ने भारत में आईफोन उत्पादन की योजना बदली: ट्रंप का निर्देश

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐपल को भारत में अमेरिकी बाजार के लिए आईफोन उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब ऐपल अपनी “चाइना प्लस वन” नीति के तहत भारत में आक्रामक विस्तार कर रही थी। हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर में नरमी और टैरिफ नीतियों में बदलाव के कारण कंपनी ने अपनी रणनीति पर पुनर्विचार शुरू किया है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल ने अमेरिकी बाजार के लिए भारत में आईफोन उत्पादन की विशेष योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है, लेकिन सामान्य विस्तार और अन्य देशों में उत्पादन बढ़ाने की योजनाएं जारी रहेंगी।

ऐपल ने भारत में अपने मौजूदा निवेश और विस्तार की योजनाओं को बनाए रखने का फैसला किया है। कंपनी फॉक्सकॉन और टाटा ग्रुप जैसे मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर भारत में स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देगी, खासकर सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत। सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि COVID के बाद शुरू हुई निवेश योजनाओं में कोई कटौती नहीं होगी। हालांकि, अमेरिकी बाजार के लिए बड़े पैमाने पर आईफोन उत्पादन शुरू करने से पहले ऐपल वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक माहौल का आकलन करना चाहती है। एक सूत्र ने बताया, “टैरिफ नीतियों और वैश्विक व्यापार नियमों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। अमेरिका और चीन दोनों ने हाल ही में टैक्स और टैरिफ में अप्रत्याशित बदलाव किए हैं। इसलिए, हम सतर्कता बरतते हुए सही समय का इंतजार करेंगे।”

हाल ही में कतर यात्रा के दौरान ट्रंप ने ऐपल के सीईओ टिम कुक से स्पष्ट कहा कि अमेरिकी बाजार के लिए आईफोन भारत से नहीं, बल्कि अमेरिका में ही निर्मित होने चाहिए। ट्रंप की “मेक इन अमेरिका” नीति के तहत ऐपल ने अमेरिकी सरकार को भरोसा दिलाया है कि वह अगले चार वर्षों में अमेरिका में 500 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसमें ह्यूस्टन में एक नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करना शामिल है, जहां सर्वर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, कंपनी ने 2029 तक अमेरिका में 20,000 नई नौकरियां सृजित करने का वादा किया है।

टैरिफ नीतियों में बार-बार बदलाव ने टिम कुक को भी असमंजस में डाल दिया है। कुछ समय पहले कुक ने दावा किया था कि जून तिमाही तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन भारत में निर्मित होंगे। लेकिन ट्रंप के नए निर्देश के बाद कंपनी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। फिर भी, ऐपल ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स को आश्वासन दिया है कि वह निवेश और उत्पादन को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत में स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना का उपयोग जारी रहेगा, और चीन के अलावा अन्य देशों में भी उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी।

एक अधिकारी ने बताया कि कंपनियां अपने उत्पादन से जुड़े फैसले कई कारकों को ध्यान में रखकर लेती हैं, जैसे लागत, कार्यक्षमता, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा। ऐपल का यह कदम भी बिजनेस रणनीति का हिस्सा है। कंपनी का भारत में निवेश और विस्तार जारी रखने का फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, अमेरिकी बाजार के लिए आईफोन उत्पादन पर रोक से भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीदों को फिलहाल झटका लगा है। भविष्य में वैश्विक व्यापार नीतियों और टैरिफ नियमों के आधार पर ऐपल अपनी रणनीति में और बदलाव कर सकती है।

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