बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और सियासी पारा अब धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। इस बार भी बिहार की राजनीति में महागठबंधन का अहम रोल रहेगा, जो चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बनाने वाला है। बिहार में कुल 6 पार्टियां महागठबंधन का हिस्सा हैं, जिनमें सबसे बड़ी ताकत है लालू प्रसाद यादव की आरजेडी (RJD)। इसके अलावा महागठबंधन में कांग्रेस, वाम दल (सीपीआई एमएल, सीपीआई, सीपीएम) और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी भी शामिल हैं।
महागठबंधन का सीट बंटवारा: क्या है रणनीति?
हाल ही में एबीपी न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में सामने आया है कि महागठबंधन ने सीटों के बंटवारे का एक प्रारूप तैयार किया है। इसमें आरजेडी को लगभग 140 सीटें मिल सकती हैं, जो इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है। इसके साथ कांग्रेस को करीब 52 सीटें मिल सकती हैं, जो पिछले चुनावों में बिहार में कमजोर स्थिति में थी, लेकिन इस बार गठबंधन के कारण उसे अधिक सीटें मिलने की संभावना है।वाम दलों को मिलाकर लगभग 35 सीटें देने की बात कही जा रही है, जिसमें सीपीआई एमएल, सीपीआई, और सीपीएम शामिल हैं। इसके अलावा, मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी को लगभग 16 सीटें मिल सकती हैं।अगर यह फॉर्मूला फाइनल हो जाता है, तो बिहार में महागठबंधन इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जमीन पर यह फॉर्मूला कितना कारगर साबित होता है और कहीं सीट बंटवारे को लेकर अंदरखाने कोई नाराजगी तो नहीं होती।
कांग्रेस को 52 सीटें मिलना: सही रणनीति या नहीं?
कांग्रेस बिहार में लंबे समय से पिछड़ी हुई पार्टी रही है, लेकिन इस बार महागठबंधन के साथ जुड़ने के बाद उसे 52 सीटें मिलने की संभावना है। यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा अवसर है कि वह बिहार में फिर से अपनी पकड़ मजबूत कर सके। विशेषज्ञों के अनुसार, गठबंधन की वजह से कांग्रेस को अधिक सीटें मिलना पार्टी के लिए लाभकारी हो सकता है, जिससे वह राज्य की राजनीति में पुनः सक्रिय भूमिका निभा सके। हालांकि, कांग्रेस को यह भी चुनौती होगी कि वह अपनी इन सीटों पर मजबूत उम्मीदवार खड़ा करे और महागठबंधन के साथ तालमेल बनाए रखे।
महागठबंधन vs. एनडीए: चुनावी मुकाबला
बिहार के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का मुकाबला एनडीए से होगा, जिसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड)। पिछले कई चुनावों में नीतीश कुमार की लोकप्रियता और कुशल राजनीतिक नेतृत्व ने एनडीए को मजबूत बनाया है।अब सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार का जादू एक बार फिर चलेगा या तेजस्वी यादव की अगुआई वाली आरजेडी इस बार सत्ता में लौटेगी। बिहार के मतदाता इस चुनाव में अपने भविष्य का फैसला करने जा रहे हैं, और राजनीतिक समीकरणों की नजर सभी की है।
बिहार चुनाव 2025: आपकी राय क्या है?
बिहार की राजनीति में इस बार की सबसे बड़ी चर्चा महागठबंधन की सीटों के बंटवारे और उसकी रणनीति पर केंद्रित है। क्या 52 सीटें कांग्रेस के लिए उचित हैं? क्या वाम दल और वीआईपी को मिली सीटें गठबंधन को मजबूत बनाएंगी? क्या नीतीश कुमार की लोकप्रियता इस बार भी एनडीए को विजयी बनाएगी? आप बिहार के इस चुनावी समीकरण को कैसे देखते हैं? क्या महागठबंधन की रणनीति बिहार की राजनीति को बदलने में सफल होगी? हमें अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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