बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 2025: भारत-बांग्लादेश संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता की संभावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच चुके हैं। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच पहली द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना जताई जा रही है। यह बैठक दोनों देशों के लिए अहम साबित हो सकती है, खासकर रोहिंग्या शरणार्थी संकट और आपसी रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा के संदर्भ में।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का महत्व

बिम्सटेक (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के सात देशों – भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड – का एक क्षेत्रीय संगठन है। इस बार का सम्मेलन 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित किया जा रहा है, और 4 अप्रैल को इसकी अध्यक्षता आधिकारिक रूप से बांग्लादेश को सौंप दी जाएगी।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के नेता आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय स्थिरता, आपसी व्यापार और सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।

भारत और बांग्लादेश के बीच संभावित वार्ता

बांग्लादेश अंतरिम सरकार के उच्च प्रतिनिधि खलीलुर रहमान ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता की पर्याप्त संभावना है। उन्होंने कहा, “हमने भारत से यह वार्ता आयोजित करने का अनुरोध किया है। यह बैठक दोनों देशों के भविष्य के कार्यों पर महत्वपूर्ण चर्चा के लिए मंच प्रदान कर सकती है।”

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने मोहम्मद यूनुस को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत-बांग्लादेश के आपसी संबंधों और संवेदनशीलता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को दोनों देशों का “साझा इतिहास” बताते हुए भारत की साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव

शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। हसीना को भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसके बाद अंतरिम सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने संभाला।

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नए प्रशासन के तहत ढाका में अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते हमलों को लेकर मौजूदा सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने इस मुद्दे को लेकर कई बार अपनी चिंताओं को बांग्लादेश के सामने रखा है।

विदेश मंत्री जयशंकर की बांग्लादेश से वार्ता

बिम्सटेक सम्मेलन से पहले, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 30 मार्च को मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश सहित अन्य पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की और इस बातचीत को महत्वपूर्ण बताया। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “बातचीत हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ बिम्सटेक पर भी केंद्रित रही।”

वार्ता के मुख्य विषय

इस संभावित वार्ता में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है:

  1. रोहिंग्या शरणार्थी संकट: म्यांमार से आए लाखों रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं। भारत इस मुद्दे पर बांग्लादेश को सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल कर सकता है।
  2. व्यापार और निवेश: भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन हालिया राजनीतिक अस्थिरता के कारण निवेश प्रभावित हो सकता है।
  3. सुरक्षा और सीमा प्रबंधन: भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। सीमा पर बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए नए सुरक्षा उपायों पर चर्चा संभव है।
  4. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा: भारत, बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुका है और इस बैठक में इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग कर सकता है।
  5. बिम्सटेक के तहत क्षेत्रीय सहयोग: दोनों देश बिम्सटेक के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं, जिसमें कनेक्टिविटी, ऊर्जा सहयोग और आपदा प्रबंधन शामिल हैं।

भविष्य की रणनीति

बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास के बीच यह बैठक दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।

  • यदि यह बैठक होती है, तो भारत और बांग्लादेश के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत एक ठोस रणनीति पर बातचीत कर सकता है।
  • दोनों देश आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।
  • रोहिंग्या संकट को सुलझाने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर नए प्रयास किए जा सकते हैं।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 2025 भारत और बांग्लादेश के संबंधों को नई दिशा देने का अवसर प्रदान कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच संभावित वार्ता दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वार्ता के नतीजे क्या होते हैं और बिम्सटेक के इस मंच का उपयोग दोनों देश अपने संबंधों को सुधारने के लिए कैसे करते हैं।

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