कोलकाता में ममता सरकार के खिलाफ बीजेपी का ज़ोरदार प्रदर्शन,सड़कों पर उतरे नेता और कार्यकर्ता

 पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी बीजेपी ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं ने सड़कों पर उतरकर राज्य सरकार की नीतियों, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शन का नेतृत्व बड़े नेताओं ने किया

बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं, जिनमें सुवेंदु अधिकारी, दिलीप घोष और अग्निमित्रा पॉल जैसे नाम शामिल हैं, ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। बीजेपी नेताओं ने राज्य सरकार पर “भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और गुंडाराज” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

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क्या थे प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे?

प्रदर्शन के दौरान बीजेपी ने ममता सरकार पर कई आरोप लगाए, जिनमें मुख्यत  ये शामिल थे

1.स्कूल भर्ती घोटाले में पारदर्शिता की कमी

2.कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराध

3.तुष्टिकरण की राजनीति, जिससे बहुसंख्यक समुदाय में असंतोष

4. राजनीतिक हिंसा, खासकर पंचायत चुनावों के दौरान

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

प्रदर्शन को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किया। कुछ जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़पें भी देखने को मिलीं। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया।

बीजेपी ने कहा- यह आवाज बंगाल की जनता की है

प्रदर्शन के दौरान सुवेंदु अधिकारी ने कहा  यह केवल भाजपा की नहीं, बल्कि बंगाल की आम जनता की आवाज़ है। ममता सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात किया है। अब समय आ गया है कि लोग सड़कों पर उतरकर बदलाव की मांग करें।”

टीएमसी का पलटवार

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इस प्रदर्शन को “राजनीतिक स्टंट” बताते हुए खारिज किया है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि बीजेपी राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है।पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। कोलकाता की सड़कों पर आज जो नज़ारा दिखा, वह आने वाले समय में राज्य में भाजपा और टीएमसी के बीच टकराव के और भी तीव्र होने के संकेत देता है।

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