मां काली के दर्शन के बाद क्या बोलीं मुख्यमंत्री रेखा? जानिए उनकी खास बातें

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री रेखा ने हाल ही में प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मां काली के दर्शन किए। इस आध्यात्मिक यात्रा के बाद उन्होंने अपने अनुभव और भावनाएं साझा कीं, जो अब राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई हैं।

मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान माहौल

सीएम रेखा मंगलवार सुबह दक्षिणेश्वर काली मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें विशेष अनुष्ठान कराया, जिसके बाद उन्होंने मां काली के चरणों में प्रसाद चढ़ाया और प्रदेश की शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ थी, लेकिन मुख्यमंत्री के दर्शन के दौरान मंदिर प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे। मंदिर से बाहर निकलते ही वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने ‘जय मां काली’ के नारे लगाए, जिसका सीएम रेखा ने भी हाथ जोड़कर अभिवादन किया।

मां काली के दर्शन के बाद क्या बोलीं मुख्यमंत्री?

पूजा संपन्न करने के बाद सीएम रेखा ने मीडिया से बात की औ कहा:
“मां काली शक्ति, साहस और न्याय की प्रतीक हैं। उनके आशीर्वाद से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। आज मैंने मां से प्रार्थना की कि राज्य में शांति बनी रहे, लोग सुरक्षित और खुशहाल रहें। मां काली का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है, और मैं उनके मार्गदर्शन में जनता की सेवा करती रहूंगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मां काली सिर्फ आस्था की प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने की शक्ति भी देती हैं। आज जब मैं उनके दर्शन के लिए आई, तो मैंने एक अलग ऊर्जा महसूस की। यह मुझे और मजबूती से अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा देगा।”

राजनीतिक हलकों में बयान पर चर्चा

मुख्यमंत्री रेखा के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान उनकी धार्मिक आस्था को दर्शाने के साथ-साथ जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाने का भी एक तरीका है। वहीं, कुछ विपक्षी दल इसे “राजनीति का नया रूप” बता रहे हैं।

हालांकि, सीएम रेखा ने इस पर स्पष्ट किया कि उनका यह दौरा पूरी तरह से आध्यात्मिक था और इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

समर्थकों और विरोधियों की प्रतिक्रिया

सीएम रेखा के मां काली के दर्शन करने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। उनके समर्थकों ने इसे एक सशक्त नेता की आध्यात्मिकता से जुड़ी भावना बताया, जबकि कुछ विरोधियों ने इसे “राजनीति में धर्म के इस्तेमाल” से जोड़ा।

ट्विटर (अब X) पर उनके दर्शन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, और #MaaKaliBlessings ट्रेंड कर रहा है।

राजनीति और धर्म का जुड़ाव

भारत में राजनीति और धर्म का गहरा संबंध रहा है। कई बड़े नेता समय-समय पर मंदिरों में दर्शन करते रहे हैं, और इसे जनता से भावनात्मक जुड़ाव का एक माध्यम भी माना जाता है। सीएम रेखा का यह दौरा भी इसी कड़ी में देखा जा सकता है।

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मां काली की महिमा और दक्षिणेश्वर मंदिर का महत्व

दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। इसे मां काली की महिमा का अद्भुत केंद्र माना जाता है। यह मंदिर 19वीं सदी में रानी रासमणि द्वारा बनवाया गया था और यहां लाखों श्रद्धालु मां काली के दर्शन करने आते हैं।

मां काली को शक्ति और विनाश की देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों को निडरता और न्याय की राह पर चलने की प्रेरणा देती हैं। मुख्यमंत्री रेखा का इस मंदिर में जाना और मां काली का आशीर्वाद लेना, उनके समर्थकों के लिए एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

क्या यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है?

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री रेखा का यह दौरा राज्य में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए भी हो सकता है। बंगाल में धार्मिक मुद्दे अक्सर राजनीति को प्रभावित करते हैं, और सीएम का इस समय मंदिर जाना कहीं न कहीं चुनावी रणनीति से भी जुड़ा हो सकता है।

हालांकि, सीएम रेखा ने साफ कहा कि उनका यह दौरा केवल व्यक्तिगत आस्था से प्रेरित था और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

सीएम रेखा के मां काली के दर्शन करने के बाद उनके बयान ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विरोधी इसे एक राजनीतिक चाल बता रहे हैं।

जो भी हो, मां काली की शक्ति और आशीर्वाद से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री रेखा आगे भी अपने राज्य और जनता की सेवा में तत्पर रहेंगी, यह कहना गलत नहीं होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस दौरे का कोई राजनीतिक असर पड़ता है या यह महज एक धार्मिक यात्रा तक ही सीमित रहता है।

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