दिल्ली के रोहिणी स्थित काली माता मंदिर में CM रेखा ने विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मां काली का आशीर्वाद लिया और प्रदेश की शांति, समृद्धि और विकास की कामना की। मंदिर में पूजा के बाद उन्होंने भक्तों से मुलाकात की और मंदिर परिसर में चल रही व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
मंदिर में भव्य पूजा-अर्चना
मुख्यमंत्री रेखा सुबह ही रोहिणी के प्रसिद्ध काली माता मंदिर पहुंचीं। यहां मंदिर के पुजारियों ने उन्हें विधिवत पूजा-पाठ और आरती करवाई। मुख्यमंत्री ने मां काली के चरणों में फूल और प्रसाद अर्पित किया और प्रदेशवासियों की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की।
पूजा के दौरान माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। मंदिर में मौजूद श्रद्धालु “जय माता दी” और “काली माता की जय” के जयकारे लगाते नजर आए। मुख्यमंत्री रेखा ने मंदिर परिसर में दर्शन के बाद कहा—
“मां काली की कृपा से हमारा प्रदेश विकास के नए आयाम छुएगा। मां सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करें और सभी को स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन दें।”
भक्तों ने किया CM रेखा का स्वागत
मुख्यमंत्री के मंदिर आगमन पर भक्तों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर में उपस्थित लोगों ने उन्हें फूल माला पहनाई और उनके साथ फोटो और सेल्फी लेने की इच्छा जताई।
कई श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री से अपनी समस्याएं भी साझा कीं, जिन पर उन्होंने तुरंत अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
रोहिणी का काली माता मंदिर राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और न्याय की देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि, दिवाली और अन्य विशेष अवसरों पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर कई दशकों पुराना है और इसे आस्था और शक्ति का केंद्र माना जाता है। यहां आने वाले भक्तों की मान्यता है कि मां काली सभी कष्टों को दूर करती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं।
मंदिर में सुविधाओं का जायजा
मुख्यमंत्री ने मंदिर के प्रबंधन और सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि—
मंदिर परिसर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं (पेयजल, बैठने की व्यवस्था) सुनिश्चित की जाएं।
मंदिर के आसपास यातायात की बेहतर व्यवस्था की जाए ताकि दर्शन करने आए लोगों को परेशानी न हो।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
मुख्यमंत्री रेखा के इस दौरे को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि धर्म और आध्यात्मिकता को लेकर सरकार भी जागरूक है और जनता की आस्थाओं का सम्मान करती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के धार्मिक दौरे न सिर्फ आम जनता से नेताओं की नजदीकियां बढ़ाते हैं, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि सरकार धार्मिक स्थलों के विकास के लिए विशेष योजनाएं बना रही है। जल्द ही मंदिरों के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विस्तार के लिए एक नई नीति लागू की जाएगी।
इसके तहत—
ऐतिहासिक मंदिरों के संरक्षण और मरम्मत के लिए विशेष फंड दिया जाएगा।
मंदिरों के आसपास बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री रेखा का रोहिणी के काली माता मंदिर में पूजा-अर्चना करना न सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम था, बल्कि इससे राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी बल मिला। उनकी इस यात्रा ने जनता के बीच धार्मिक सौहार्द और आस्था को मजबूत किया है।
सरकार द्वारा मंदिरों और धार्मिक स्थलों के संरक्षण और सुविधाओं के विस्तार की पहल भी स्वागत योग्य है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मां काली के आशीर्वाद से प्रदेश का विकास हो और सभी नागरिकों को सुख-शांति मिले, यही इस पूजा का मुख्य संदेश रहा।
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