मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग पर पहचान अभियान से विवाद, पुलिस ने संभाला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले पहचान अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह अभियान स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, जिसके तहत कांवड़ मार्ग पर स्थित ढाबों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर मालिकों और कर्मचारियों की पहचान की जा रही है। इस पहचान अभियान का उद्देश्य यात्रा के दौरान किसी भी संभावित खतरे को रोकना और सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया जा रहा है, लेकिन यह पहल अब विवादों में घिरती जा रही है।

ढाबे पर मुस्लिम नाम सामने आने पर मचा बवाल

विवाद तब भड़क उठा जब पंडित जी वैष्णो ढाबे पर एक कर्मचारी के नाम को लेकर हंगामा हो गया। बताया जा रहा है कि जब उसकी पहचान मुस्लिम के रूप में सामने आई, तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और मौके पर तनाव फैल गया। हालांकि, स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और हालात को संभाल लिया। पुलिस ने लोगों से संयम बरतने और कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की।

स्वामी यशवीर जी की अपील

स्वामी यशवीर जी महाराज ने अपने अनुयायियों से अपील की है कि यदि किसी भी दुकान या ढाबे पर संदेहास्पद व्यक्ति नजर आए, तो वे खुद कोई कार्रवाई न करें, बल्कि तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है और इसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना सभी की जिम्मेदारी है।

प्रशासन सतर्क, सुरक्षा व्यवस्था सख्त

विवाद को देखते हुए प्रशासन ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी है। जिले के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी कानून व्यवस्था भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील

स्थानीय प्रशासन, धार्मिक संगठनों और समाजसेवियों ने आम जनता से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का विषय है और इसे शांतिपूर्ण वातावरण में ही सफल बनाया जा सकता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू

इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। कुछ नेताओं ने इस पहचान अभियान को “धार्मिक भेदभाव” करार दिया है, तो वहीं कुछ ने इसे “सुरक्षा के लिहाज़ से सही कदम” बताया है। फिलहाल, प्रशासन सभी पक्षों से संयम बरतने और स्थिति को बिगड़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है। कांवड़ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाला धार्मिक आयोजन है, लेकिन इससे जुड़े किसी भी विवाद से यात्रा की गरिमा को ठेस पहुंच सकती है। ऐसे में ज़रूरी है कि सभी पक्ष संयम रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। पहचान की प्रक्रिया यदि आवश्यक हो, तो उसे कानूनी दायरे और सौहार्दपूर्ण तरीके से ही अंजाम दिया जाए।

Share