कांटा लगा’ गर्ल के नाम से पहचानी जाने वाली अभिनेत्री शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। 42 वर्षीय शेफाली की अचानक हार्ट अटैक से मौत ने सिर्फ मनोरंजन जगत को नहीं, बल्कि आम लोगों की सोच और स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर से कई गंभीर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।शेफाली जरीवाला को लेकर आम धारणा थी कि वह एक फिट और हेल्दी लाइफस्टाइल जीती थीं। सोशल मीडिया पर उनकी वर्कआउट तस्वीरें, स्माइलिंग सेल्फीज और एक्टिव रूटीन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं। लेकिन इसी फिटनेस और हेल्थ इमेज के बावजूद इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ना यह सोचने पर मजबूर कर देता है क्या सिर्फ फिट दिखना ही हेल्दी होने की निशानी है?
कोविड के बाद बढ़ती हार्ट अटैक की घटनाएं
पिछले कुछ वर्षों से यह ट्रेंड सामने आया है कि युवा और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोविड महामारी के बाद, यह संख्या और भी चिंताजनक हो गई है। कई सेलेब्रिटीज़ और आम लोग, जो फिटनेस को लेकर जागरूक माने जाते थे, अचानक दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हुए हैं।कुछ लोग इस बदलाव के लिए कोविड वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने इस दावे को खारिज किया है और कहा है कि इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। असल मुद्दा कहीं और है, जिसे हमें समझने की जरूरत है।
मिलावटी खाना, तनाव, नींद की कमी असली दोषी?
शेफाली जरीवाला की मौत ने एक बार फिर हमें हमारी लाइफस्टाइल की सच्चाई से रूबरू करवाया है। मिलावटी खाद्य पदार्थ, लगातार तनाव, अनियमित नींद और दिन-प्रतिदिन की भागदौड़ भरी जिंदगी कहीं न कहीं हमारी सेहत को अंदर से खोखला कर रही है।आजकल हम सभी ‘परफेक्ट बॉडी’ और ‘इंस्टाग्राम फिटनेस’ की होड़ में लगे हुए हैं। बॉडी-इमेज फोकस इतना बढ़ चुका है कि लोग हेल्थ के नाम पर एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स, सप्लीमेंट्स और हार्मोनल दवाओं का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं — जिनके संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में अभी भी लोगों में पर्याप्त जागरूकता नहीं है।
मौत जो सिर्फ एक शख्स की नहीं, एक सोच की है
शेफाली जरीवाला की मौत सिर्फ एक इंसान की मौत नहीं है, बल्कि उस सोच की भी मौत है जो यह मानती है कि दिखने में फिट इंसान अंदर से भी पूरी तरह स्वस्थ होता है। इस घटना ने इस सवाल को और गहराई से खड़ा कर दिया है कि क्या हम वाकई अंदर से हेल्दी हैं, या सिर्फ बाहर से फिट दिखने की कोशिश में अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं?
हमें क्या करना चाहिए?
अब वक्त है आत्मनिरीक्षण का। सिर्फ जिम जाना या डाइट फॉलो करना काफी नहीं है। ज़रूरी है कि हम मानसिक शांति, संतुलित नींद, तनाव नियंत्रण, और प्राकृतिक आहार पर भी उतना ही ध्यान दें जितना फिजिकल फिटनेस पर देते हैं।‘स्वस्थ जीवन’ का मतलब सिर्फ six-pack abs या zero figure नहीं है, बल्कि एक ऐसा जीवन है जहाँ मन और शरीर दोनों में संतुलन हो शेफाली जरीवाला की अचानक मौत ने हमें यह याद दिलाया है कि हेल्थ का असली मतलब सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि गहराई से जुड़ा हुआ संतुलन है। हम सभी को अपनी लाइफस्टाइल पर फिर से विचार करना होगा कहीं हम दिखावे की दौड़ में अपनी असल सेहत तो नहीं खो रहे? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या हमारे समाज को फिटनेस और हेल्थ को लेकर अपनी सोच बदलनी चाहिए? नीचे कमेंट करें और इस लेख को उन लोगों के साथ शेयर करें जिन्हें लगता है कि वे “बाहर से हेल्दी” हैं।
संबंधित पोस्ट
अहमदाबाद हादसे पर शोक जता कुछ घंटे बाद दुनिया छोड़ गए संजय कपूर
फुलेरा में फिर बजेगा ढोल, ‘पंचायत’ सीजन 4 की नई रिलीज डेट आई सामने
शिल्पा शेट्टी ने विदेश में पर्यटक को सुनाई खरी-खोटी? वायरल वीडियो के पीछे की सच्चाई