दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई को लेकर एक महत्वपूर्ण और बहुपक्षीय एक्शन प्लान को हरी झंडी दे दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर यमुना सफाई योजना की समीक्षा की। इस बैठक में जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी उपस्थित थे। अधिकारियों ने जानकारी दी कि यमुना को साफ करने के लिए 45 पॉइंट्स एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसे अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
इस योजना के तहत 303 ड्रेनेज परियोजनाओं पर ₹8000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका उद्देश्य नालों का गंदा पानी ट्रीट करना, सीवरेज नेटवर्क का विस्तार करना और अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) स्थापित करना है। यह योजना दिल्ली की जल आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम और यमुना सफाई जैसे तीन प्रमुख मुद्दों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
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यमुना सफाई योजना की खास बातें:
- 45 पॉइंट्स एक्शन प्लान:
यह योजना दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी, डीपीसीसी, डीडीए और इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट के संयुक्त सहयोग से लागू की जाएगी। इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेदारी जल बोर्ड और सिंचाई विभाग की होगी। - अनाधिकृत कॉलोनियों पर विशेष ध्यान:
दिल्ली की कुल 1799 अनधिकृत कॉलोनियां भी इस यमुना क्लीनिंग एक्शन प्लान का हिस्सा हैं। दिसंबर 2027 तक इन कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे बरसात के पानी और घरेलू सीवेज को ट्रीट कर यमुना में गिरने से रोका जा सके। - STP प्लांट्स की क्षमता बढ़ाई जाएगी:
अमृत-2 योजना के तहत निलोठी, पप्पनकलां, ओखला, वसंत कुंज, घिटरोनी, महरौली और मोलड़बंध जैसे इलाकों में मौजूद STP प्लांट्स की क्षमता को अपग्रेड किया जा रहा है। STP की मौजूदा क्षमता को 764 MGD से बढ़ाकर 862 MGD करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 40 नए Decentralized STP (DSTP) बनाने का भी लक्ष्य है। - स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट प्लान:
हर अनाधिकृत कॉलोनी के लिए अलग-अलग स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम डिजाइन किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी MCD को सौंपी गई है। डीपीसीसी और एमसीडी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि घरों से निकलने वाला पानी सीधा ड्रेनेज से न जुड़े। - मॉनिटरिंग और सर्विलांस सिस्टम:
सीएम ने अधिकारियों को सीवरेज नेटवर्क की निगरानी के लिए एक डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं। जल बोर्ड के सभी 37 STP की कार्यक्षमता की निगरानी की जाएगी कि रोजाना कितने सीवेज वॉटर का ट्रीटमेंट हो रहा है और कितना अवशिष्ट रह जाता है।
यमुना किनारे कचरा प्रबंधन और इको-टूरिज्म
सरकार यमुना किनारे और उसके आसपास के क्षेत्रों में कचरे के निस्तारण को पूरी सख्ती से नियंत्रित करने जा रही है। डीडीए को मयूर नेचर पार्क, हिंडन सरोवर और अन्य फ्लड प्लेन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म और नेचर पार्क्स के विकास के निर्देश दिए गए हैं।
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