दिल्ली में झुग्गी विवाद फिर गरमाया, केजरीवाल और बीजेपी आमने-सामने

दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है और इस बार मुद्दा है झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों का भविष्य। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी की मंशा दिल्ली से झुग्गीवालों को हटाकर उन्हें वोट बैंक से बाहर करने की है।

क्या है पूरा मामला?

हाल के दिनों में दिल्ली के कई इलाकों में झुग्गियां हटाने के नोटिस जारी किए गए हैं। इसके साथ ही अतिक्रमण विरोधी अभियान भी चलाया गया है, जिसमें कई झुग्गियों को गिरा दिया गया। इस मुद्दे को लेकर झुग्गी में रहने वाले हजारों लोगों में गुस्सा और भय का माहौल है। इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा दिल्ली के गरीब लोग, जो झुग्गियों में रहते हैं । दिल्ली के असली मालिक हैं। लेकिन बीजेपी की नजरों में ये लोग सिर्फ एक बोझ हैं। बीजेपी चाहती है कि इन लोगों को दिल्ली से खदेड़ दिया जाए ताकि इनके वोट भी खत्म हो जाएं।

बीजेपी का पलटवार कोर्ट के आदेश और झूठी राजनीति

बीजेपी ने केजरीवाल के आरोपों को बेबुनियाद और भ्रामक बताया है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है, न कि राजनीतिक मंशा से। इसके अलावा जिन इलाकों में झुग्गियां हटाई जा रही हैं, वहां के लोगों के लिए वैकल्पिक आवास की योजना भी बनाई गई है।बीजेपी ने उल्टा केजरीवाल पर डर और भावनाओं की राजनीति करने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को केवल वोट बटोरने का हथियार बना रही है।

दिल्ली की सियासत में गरीबों का भविष्य दांव पर?

यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में झुग्गी हटाने को लेकर सियासत गरमाई हो। इससे पहले भी कई बार झुग्गियों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी हो चुकी है। लेकिन इस बार हालात ज़्यादा गंभीर नजर आ रहे हैं क्योंकि एक ओर अदालत के आदेश, दूसरी ओर गरीब जनता की बेबसी और तीसरी ओर राजनीति की बिसात – सब कुछ एक साथ सामने है।

क्या है समाधान?

यदि हम दिल्ली के विकास की बात करें तो अतिक्रमण हटाना ज़रूरी है, लेकिन उसके साथ-साथ जरूरी है कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों को सम्मानजनक और सुरक्षित वैकल्पिक आवास भी मिले। किसी भी शहर का विकास तब तक अधूरा है जब तक उसमें गरीबों के लिए जगह न हो। केजरीवाल का यह कहना कि “गरीब दिल्ली के मालिक हैं” एक भावनात्मक अपील है, लेकिन यह तभी कारगर होगी जब इसके साथ व्यावहारिक समाधान और ठोस योजनाएं भी हों। दिल्ली झुग्गी विवाद एक बार फिर से एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी इसे गरीबों के अधिकार का मुद्दा बना रही है। जबकि बीजेपी इसे कानूनी प्रक्रिया और विकास से जोड़कर देख रही है। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या इस मुद्दे का कोई स्थायी समाधान निकलता है। या यह भी बाकी राजनीतिक मुद्दों की तरह सिर्फ वोटों की राजनीति बनकर रह जाएगा।

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