दिल्ली जैसे महानगर में, जहां लाखों लोग रोज़ अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं, वहीं रैन बसेरे (शेल्टर होम्स) उन जरूरतमंदों के लिए जीवनरेखा माने जाते हैं जिनके पास छत नहीं है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या ये रैन बसेरे वाकई गरीबों की मदद कर रहे हैं, या फिर यह एक बड़ा घोटाला बन चुके हैं?हाल ही में दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री आशिष सूद द्वारा किया गया औचक निरीक्षण इस पूरे सिस्टम की सच्चाई उजागर करता है। उन्होंने सराय काले खां पार्किंग स्थल पर बने पांच रैन बसेरों का दौरा किया और वहाँ जो देखा, वो चौंकाने वाला था।
क्या मिला औचक निरीक्षण में?
मंत्री आशिष सूद को निरीक्षण के दौरान मिलीं कई गंभीर अनियमितताएं, जिनमें शामिल थीं:
- रजिस्टर में फर्जी एंट्री यानी वो लोग जिनका अस्तित्व ही नहीं, लेकिन कागज़ों में दर्ज हैं।
- बदतर सफाई व्यवस्था शेल्टर की हालत बेहद गंदी, बीमारियों का खतरा।
- वास्तविक जरूरतमंदों तक सुविधाएं नहीं पहुंचना कुछ शेल्टर्स में कोई भी नहीं रुका था, फिर भी रिकॉर्ड में ‘पूरी क्षमता’ दिखायी गई।
- मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि जांच में और भी गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो वह इस पूरे मामले की CBI जांच की सिफारिश करेंगे।
पिछली सरकार पर गंभीर आरोप
मंत्री सूद का यह भी आरोप है कि पिछली सरकार ने इन रैन बसेरों को “सिर्फ कागज़ों पर चलाया।उनका कहना है कि गरीबों की मदद के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। इन शेल्टर्स को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया। यह आरोप बेहद गंभीर हैं और यदि सही साबित होते हैं तो यह गरीबों के साथ किया गया क्रूर मज़ाक होगा।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
निरीक्षण के बाद कई स्थानीय नागरिकों ने भी अपनी नाराज़गी जताई।उनका कहना था हमें उम्मीद थी कि कम से कम एक सुरक्षित और स्वच्छ जगह मिलेगी। यहां न सुविधा है, न इज्जत, न खाना, और न ही सुरक्षा। स्थानीय लोगों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।
क्या होगी CBI जांच?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सब सिर्फ एक राजनीतिक बयान है या वाकई कोई बड़ा घोटाला दबा बैठा है?
अगर CBI जांच होती है और आरोप सही पाए जाते हैं, तो इससे घोटालेबाज़ों को सज़ा मिल सकती है। भविष्य में गरीबों के लिए बनने वाली योजनाओं में पारदर्शिता आ सकती है यह जांच सिर्फ व्यवस्था सुधारने के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए ज़रूरी है जिनके पास रहने की जगह नहीं।
रैन बसेरों का सच सामने आना ज़रूरी
दिल्ली के रैन बसेरे गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए जीवन का सहारा हैं। अगर इन शेल्टर्स में ही भ्रष्टाचार हो रहा है, तो यह सिर्फ एक प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। दिल्ली रैन बसेरा घोटाला अगर सच है, तो ज़िम्मेदारों को कठोर सज़ा मिलनी चाहिए और व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को उनका हक़ मिल सके।
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