रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर उठाए सवाल

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे गैर-जिम्मेदार देश के हाथों में परमाणु हथियारों का होना विश्व के लिए खतरा है। सिंह ने सुझाव दिया कि इन हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में लाया जाना चाहिए, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उनकी पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान आया, जहां उन्होंने सैनिकों के साथ मुलाकात की और उनकी बहादुरी की सराहना की।

रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए कहा कि वहां से संचालित आतंकी संगठन भारत की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर गर्व जताया, जो 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन ने आतंकवादी संगठनों को स्पष्ट संदेश दिया कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। सिंह ने कहा, “हमारी सेनाओं का लक्ष्य अचूक है। जब वे कोई लक्ष्य साधते हैं, तो उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।”

उन्होंने पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए गए परमाणु ब्लैकमेल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने इस तरह की धमकियों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। पूरी दुनिया ने देखा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत नीति और संकल्प को बनाए रखा। रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि कर्म के आधार पर है। उन्होंने ー के बादामी बाग छावनी में पाकिस्तान द्वारा दागे गए मोर्टार और गोले के टुकड़े देखे और सैनिकों के साहस को सलाम किया।

रक्षामंत्री के दौरे से ठीक पहले, भारतीय सेना ने अवंतीपोरा के त्राल में एक ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार गिराया, जिसमें एक टॉप कमांडर आसिफ शेख भी शामिल था। इस सफलता ने भारतीय सेना की ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित किया। सिंह ने सैनिकों से बातचीत के दौरान कहा कि भारत का हर सैनिक देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करता है, और उनकी बहादुरी पर पूरे देश को गर्व है।

आईएईए के बारे में बात करते हुए, सिंह ने बताया कि यह संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर एक स्वतंत्र संगठन है, जो परमाणु प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है। उन्होंने विश्व समुदाय से सवाल किया कि क्या पाकिस्तान जैसे देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं। यह बयान न केवल भारत की चिंताओं को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की सुरक्षा के मुद्दे को भी उजागर करता है।

रक्षामंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि भारत की सेनाएं न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती हैं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और हाल की आतंकी मुठभेड़ों ने यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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