वाराणसी जिसे मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यहां के गंगा घाट हमेशा श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों से गुलजार रहते हैं। लेकिन इस बार भीषण गर्मी के कारण घाटों की चहल-पहल कम होती नजर आ रही है। तेज़ धूप और उमस भरे मौसम ने लोगों को दिन के समय घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है।

गर्मी का असर – श्रद्धालु और पर्यटक हो रहे प्रभावित
इस साल वाराणसी में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे लोग गंगा स्नान और घाटों पर बैठने से परहेज कर रहे हैं। सुबह और शाम को कुछ श्रद्धालु दर्शन और स्नान के लिए आते हैं, लेकिन दिन के समय घाटों पर सन्नाटा पसरा रहता है।
स्थानीय नाविक रामप्रसाद का कहना है
हर साल इस समय घाटों पर काफी भीड़ होती थी, लेकिन इस बार गर्मी के कारण सवारी बहुत कम हो गई है। पर्यटक भी अब केवल सुबह या शाम को ही आते हैं।
गंगा आरती पर भी दिख रहा असर
वाराणसी की दशाश्वमेध घाट पर होने वाली भव्य गंगा आरती को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। लेकिन इस बार गर्मी के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पहले जहां हजारों लोग गंगा आरती देखने आते थे, अब यह संख्या काफी घट गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।
गर्मी से बचने के लिए ज्यादा पानी और लिक्विड डाइट लेने की अपील की गई है।
बुजुर्गों और बच्चों को धूप में अधिक देर तक न रहने की सलाह दी गई है।
गर्मी से बचने के लिए स्थानीय लोग अपना रहे नए तरीके
गर्मी से बचने के लिए घाटों पर कुछ लोग छांव में बैठने, नारियल पानी पीने और ठंडे पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। कई लोगों ने दिन के समय गंगा स्नान और पर्यटन को टालना शुरू कर दिया है।
क्या मानसून से लौटेगी रौनक?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों तक गर्मी से राहत की संभावना कम है। लेकिन जैसे ही मानसून वाराणसी पहुंचेगा, घाटों पर एक बार फिर से रौनक लौट सकती है।
वाराणसी के घाटों की चहल-पहल इस बार भीषण गर्मी के कारण फीकी पड़ गई है। श्रद्धालु और पर्यटक सुबह-शाम घाटों पर आ रहे हैं, लेकिन दिन के समय सन्नाटा पसरा रहता है। स्थानीय व्यवसायी और नाविक भी इस बदलाव से प्रभावित हो रहे हैं। सभी को उम्मीद है कि जल्द ही मौसम में बदलाव आएगा और घाटों की रौनक फिर से लौटेगी।
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