भारत सरकार के उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए (Central Consumer Protection Authority) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को पाकिस्तानी झंडे और उससे संबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह निर्देश अमेजन इंडिया, फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया, एट्सी, द फ्लैग कंपनी, और द फ्लैग कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों को दिया गया है।
इस आदेश की जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की असंवेदनशीलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को ऐसे उत्पादों को तुरंत हटाना होगा।
क्यों आया यह आदेश?
यह कदम कश्मीर के पहलगाम में हुई एक दुखद आतंकी घटना, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद उठाया गया है। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। ऐसे माहौल में पाकिस्तानी झंडे जैसे प्रतीकों की बिक्री को राष्ट्रीय भावना के खिलाफ और अपमानजनक माना जा सकता है।
सरकार ने यह भी कहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके माध्यम से कोई भी ऐसा उत्पाद न बेचा जाए जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, संवेदनशीलता, और कानूनों का उल्लंघन करता हो।

कौन-सा कानून टूटा?
हालांकि मंत्री प्रल्हाद जोशी के बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किस विशेष कानून का उल्लंघन हुआ है, फिर भी सीसीपीए का आदेश इस बात की याद दिलाता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों और भावनाओं का अपमान भारतीय कानून के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आ सकता है। इसके तहत प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नैशनल ऑनर एक्ट, 1971 जैसे कानून लागू हो सकते हैं।
ई-कॉमर्स कंपनियों की जिम्मेदारी
यह मामला एक गंभीर चेतावनी है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अपने प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले हर उत्पाद की समीक्षा और निगरानी करनी होगी। केवल बिक्री बढ़ाना ही उनका उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें यह भी देखना होगा कि वे सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
इस आदेश के बाद, ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि वे ऐसे सभी उत्पादों को तुरंत हटाएं जो किसी भी रूप में राष्ट्रविरोधी प्रतीकों, विवादित सामग्री, या देश की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं।
सरकार का सख्त रुख
सरकार ने इस कार्रवाई से स्पष्ट कर दिया है कि वह राष्ट्रीय भावनाओं और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी। सीसीपीए द्वारा जारी नोटिस और मंत्री के बयान से यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में ऐसी गतिविधियों पर और सख्त नजर रखी जाएगी।
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