नई दिल्ली: कर्नाटक की राजनीति और कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों सुर्खियों में है। वजह है एक चौंकाने वाला गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस, जिसमें अब प्रदेश के गृहमंत्री जी परमेश्वर का नाम भी जांच के घेरे में आ गया है। ईडी प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर से जुड़े सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल पर छापा मारा है। ये छापेमारी उस वक्त की गई जब ईडी को कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव और इस हॉस्पिटल के बीच संदिग्ध पैसों के लेनदेन की जानकारी मिली। बता दें कि रान्या राव कुछ समय पहले एक सोने की तस्करी (गोल्ड स्मगलिंग) से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुई थीं। इस केस में उनके साथ एक और आरोपी तरुण कोंडारू राजू भी शामिल था। हालांकि, दोनों को हाल ही में विशेष आर्थिक अपराध कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है।
जमानत की शर्तें क्या हैं?
कोर्ट ने आदेश में साफ किया है कि रान्या और तरुण न तो देश छोड़ सकते हैं और न ही दोबारा ऐसा अपराध कर सकते हैं। यदि इन शर्तों का उल्लंघन होता है तो जमानत तत्काल रद्द कर दी जाएगी।
क्या है मंत्री परमेश्वर की भूमिका?
जांच एजेंसियों को शक है कि रान्या राव और परमेश्वर से जुड़े हॉस्पिटल के बीच आर्थिक लेन-देन में कुछ गड़बड़ है। इसी कड़ी में ईडी की टीम हॉस्पिटल के फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स, ट्रांजैक्शन्स और बैंक डिटेल्स की गहन जांच कर रही है।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा है और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। जांच अभी शुरुआती चरण में है लेकिन एक अभिनेत्री से शुरू हुआ यह केस अब सरकार के उच्च पदों तक पहुंच चुका है।
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