ग्रेटर नोएडा हॉस्टल आग: छात्राओं को बचाने दमकल का रेस्क्यू

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में स्थित अन्नपूर्णा गर्ल्स हॉस्टल में गुरुवार शाम को भयंकर आग लग गई। इस आग से हॉस्टल में अफरा-तफरी मच गई और छात्राओं में चीख-पुकार मचने लगी। कुछ छात्राएं जान बचाने के लिए बालकनी से कूद गईं। दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर 160 छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाला और आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण एसी का कंप्रेसर फटने को बताया जा रहा है। इस भयावह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

आग लगने से हॉस्टल में मचा हड़कंप

गुरुवार शाम करीब 5:25 बजे दमकल विभाग को सूचना मिली कि नॉलेज पार्क स्थित अन्नपूर्णा गर्ल्स हॉस्टल में आग लग गई है। सूचना मिलते ही दमकल की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरे हॉस्टल में धुआं भर गया, जिससे वहां मौजूद लड़कियों में भगदड़ मच गई। दमकल की टीम ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया और सीढ़ियों के रास्ते अंदर फंसी 160 छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाला।

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एसी का कंप्रेसर फटने से हुआ हादसा

दमकल कर्मियों ने दो गाड़ियों की मदद से करीब एक घंटे में आग पर काबू पा लिया। बताया जा रहा है कि हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर एक कमरे में लगे एसी का कंप्रेसर फटने से आग लगी। हालांकि, फायर विभाग आग लगने के सही कारण की जांच कर रहा है।

दूसरी मंजिल पर कमरे में फंसी एक छात्रा ने अपनी जान बचाने के लिए ऊपर से छलांग लगा दी, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इस घटना में किसी भी छात्रा की मौत नहीं हुई, जो राहत की बात है।

धुएं से सांस लेने में आई दिक्कत

नॉलेज पार्क के फायर सेफ्टी ऑफिसर (FSO) विनोद कुमार पांडे ने बताया कि वे टीम के साथ तुरंत अन्नपूर्णा हॉस्टल पहुंचे। आग लगने के कारण पूरे हॉस्टल में घना धुआं भर गया था, जिससे छात्राओं को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। ज्यादा धुआं होने के कारण दमकल कर्मियों को भी बचाव अभियान में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने टीम के साथ मिलकर दूसरी मंजिल पर फंसी लड़कियों को सीढ़ियों के रास्ते सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस और फायर विभाग के अनुसार, इस घटना में किसी की जान नहीं गई है।

वीडियो वायरल, छात्राओं में डर का माहौल

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ छात्राएं घबराहट में बालकनी से कूद रही हैं, जबकि कई अन्य चीख-पुकार कर रही हैं। इस भयावह घटना के बाद छात्राओं के परिवारवालों में भी चिंता बढ़ गई है।

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

इस घटना के बाद हॉस्टल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। छात्राओं और उनके परिजनों का कहना है कि हॉस्टल में आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। अगर आग बुझाने के उपकरण ठीक से काम कर रहे होते, तो आग पर जल्दी काबू पाया जा सकता था और भगदड़ जैसी स्थिति से बचा जा सकता था।

हॉस्टल में अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी

छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में अग्निशमन यंत्र मौजूद थे, लेकिन उनमें से कई या तो खराब थे या फिर सही से काम नहीं कर रहे थे। अगर हॉस्टल प्रशासन पहले से सुरक्षा उपायों को दुरुस्त रखता, तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद जिला प्रशासन ने हॉस्टल में आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, अन्य गर्ल्स हॉस्टल और पीजी में भी सुरक्षा मानकों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

छात्राओं में दहशत, हॉस्टल छोड़ने की कर रही हैं मांग

इस हादसे के बाद हॉस्टल में रहने वाली कई छात्राओं ने हॉस्टल छोड़ने की इच्छा जताई है। छात्राओं का कहना है कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर डर लग रहा है और वे ऐसे हॉस्टल में रहना नहीं चाहतीं, जहां बुनियादी सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी की जाती हो।

आग से बचाव के लिए क्या करें?

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरती जानी चाहिए:

  1. अग्निशमन यंत्रों की नियमित जांच – यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी अग्निशमन यंत्र काम कर रहे हैं।
  2. हॉस्टल प्रशासन की सतर्कता – हॉस्टल प्रशासन को समय-समय पर फायर सेफ्टी ड्रिल आयोजित करनी चाहिए ताकि छात्राओं को आग लगने की स्थिति में सही तरीके से बाहर निकलने की जानकारी हो।
  3. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की नियमित जांच – एसी, वॉटर हीटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की नियमित जांच करानी चाहिए ताकि किसी भी तकनीकी खराबी से आग लगने की संभावना को रोका जा सके।

आपातकालीन निकासी योजना – हॉस्टल में एक स्पष्ट आपातकालीन निकासी योजना होनी चाहिए, जिससे छात्राएं किसी भी अप्रत्याशित घटना में सुरक्षित बाहर निकल सकें।

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