वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति तोड़े जाने पर हनुमान बेनीवाल का आक्रोश – सख्त कानून बनाने की मांग

जयपुर के सांगानेर क्षेत्र के प्रतापनगर सेक्टर-3 में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति को असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना सामने आई है। इस घटना से क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त हो गया है, और लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। अब इस मामले पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान आया है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए मूर्ति तोड़फोड़ के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

सांगानेर के प्रतापनगर सेक्टर-3 में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति लगी हुई थी, जिसे कुछ असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। जैसे ही स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी मिली, वे मौके पर पहुंच गए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया, और प्रशासन को सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और प्रशासन इस पर कड़ा रुख नहीं अपना रहा है।

हनुमान बेनीवाल का बयान – कड़ी कार्रवाई और सख्त कानून की मांग

हनुमान बेनीवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि धार्मिक व ऐतिहासिक महापुरुषों की मूर्तियों के साथ इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने इस मामले में प्रशासन से जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी करने की मांग की।

हनुमान बेनीवाल ने कहा:
“तेजाजी महाराज राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का अहम हिस्सा हैं। उनकी मूर्ति को क्षतिग्रस्त करना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकता है। सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी सजा देने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार इस मामले में ढिलाई बरतती है, तो जनता के साथ मिलकर बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।

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तेजाजी महाराज – राजस्थान के महान लोक देवता

वीर तेजाजी महाराज राजस्थान और मालवा क्षेत्र में लोक देवता और लोकनायक के रूप में पूजे जाते हैं। वे 12वीं सदी के एक वीर योद्धा थे, जिन्होंने समाज में अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया और अपनी कड़ी तपस्या व बलिदान के लिए जाने जाते हैं। खासकर किसान और पशुपालक समुदाय में उनकी गहरी आस्था है।

तेजाजी महाराज को सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है और माना जाता है कि वे सांपों से रक्षा करते हैं। हर साल भाद्रपद शुक्ल दशमी को उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।

लोगों में आक्रोश – प्रदर्शन और सड़क जाम

मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद क्षेत्रीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने प्रशासन से दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

लोगों ने कहा कि यह घटना उनकी धार्मिक आस्था पर हमला है और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से यह मांग की कि सार्वजनिक स्थानों पर लगी महापुरुषों और देवी-देवताओं की मूर्तियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

हनुमान बेनीवाल के अलावा कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है।

  • राजस्थान कांग्रेस ने इसे “समाज में वैमनस्य फैलाने की साजिश” करार दिया और पुलिस से जल्द कार्रवाई करने की मांग की।
  • बीजेपी नेताओं ने इस घटना को सांस्कृतिक विरासत पर हमला बताते हुए सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
  • स्थानीय संगठनों ने कहा कि यह कोई साधारण घटना नहीं है, बल्कि धार्मिक उकसावे की साजिश भी हो सकती है, जिसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया – जाँच के आदेश

घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस अधिकारी का बयान:
“हम मामले की जांच कर रहे हैं। संदिग्धों की पहचान के लिए आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

क्या सरकार बनाएगी सख्त कानून?

हनुमान बेनीवाल और अन्य नेताओं द्वारा सख्त कानून की मांग के बाद इस विषय पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। राजस्थान में पहले भी कई बार मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई कठोर कानून नहीं बना है।

अगर सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेती है, तो संभव है कि मूर्ति तोड़फोड़ और धार्मिक स्थलों पर हमले के खिलाफ एक सख्त कानून बनाया जाए, जिसमें सख्त सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान हो।

निष्कर्ष

वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना ने जनता और राजनीतिक दलों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। हनुमान बेनीवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कड़े कानून की मांग की है।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और दोषियों को कितनी जल्दी गिरफ्तार किया जाता है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या सरकार मूर्ति तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों को और सख्त करेगी।

आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक गर्मी और विरोध प्रदर्शनों के और तेज होने की संभावना है।

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