भारत के सैन्य इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया, जब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से 17 महिला कैडेटों का पहला बैच पास होकर बाहर निकला। यह पहली बार है जब एनडीए से महिला और पुरुष कैडेटों का सह-शिक्षा (Co-Ed) बैच पास आउट हुआ है। खड़कवासला स्थित एनडीए के खेत्रपाल परेड ग्राउंड में आयोजित हुई इस ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड (Passing Out Parade) में 300 से अधिक पुरुष कैडेटों के साथ महिलाओं ने भी ‘अंतिम पग’ (Final Step) march किया।
नेतृत्व की नई मिसाल
एनडीए को हमेशा से “नेतृत्व का पालना (Cradle of Leadership) माना जाता है। इस बार महिला कैडेटों ने भी यह साबित कर दिया कि देश की बेटियाँ भी कंधे से कंधा मिलाकर देश की सेवा के लिए तैयार हैं।
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क्या खास रहा इस बार?
यह एनडीए का पहला बैच था जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। 17 महिला कैडेटों ने तीन साल का कठोर सैन्य और शैक्षणिक प्रशिक्षण पूरा किया । पुरुष कैडेटों की संख्या इस बैच में 300 से अधिक थी।सभी कैडेटों ने सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त परेड में भाग लिया।
विशिष्ट अतिथि – जनरल वी.के. सिंह
इस ऐतिहासिक मौके पर पूर्व थल सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी.के. सिंह ने परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा यह सिर्फ एक परेड नहीं, बल्कि नए भारत की सोच और संकल्प का प्रतीक है। महिला कैडेटों की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
महिलाओं के लिए खुल रहे हैं नए द्वार
2021 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद महिलाओं को एनडीए में शामिल होने की अनुमति मिली थी। अब, तीन साल के बाद उसका पहला परिणाम सामने आया है — और यह सिर्फ शुरुआत है।इस ऐतिहासिक क्षण ने साबित कर दिया है कि बेटियाँ भी बॉर्डर पर लीडर बन सकती हैं, सिर्फ परिवार में नहीं। यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा और राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है।
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