जम्मू में गुरुवार को उस वक़्त जनाक्रोश फूट पड़ा जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में जम्मू के थोक व्यापारियों ने पूर्ण बंद का ऐलान किया। सुबह से ही शहर के कई बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और व्यापारियों ने अपनी दुकानें व गोदाम बंद रखकर सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि अब पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का व्यापारिक संबंध भारत के लिए स्वीकार्य नहीं है।
व्यापारियों का गुस्सा: “पाकिस्तान को मिलता है फायदा, भारत को नुकसान”
व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान लगातार भारत की सरजमीं पर आतंक फैलाता रहा है, और ऐसे देश से व्यापार करना राष्ट्रहित के खिलाफ है।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) जम्मू के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा:
“हम पहलगाम में शहीद हुए जवानों को नमन करते हैं। लेकिन अब सिर्फ श्रद्धांजलि से काम नहीं चलेगा। पाकिस्तान से हर तरह के व्यापारिक रिश्ते तोड़ने होंगे। भारत आत्मनिर्भर है, और हमें किसी दुश्मन देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।”
बाजारों में पूर्ण बंद, सड़कों पर नारेबाजी
गुरुवार को जम्मू के न्यू प्लॉट, गांधी नगर, रघुनाथ बाजार, जैन बाजार समेत प्रमुख व्यापारिक इलाकों में सभी दुकानें बंद रहीं। व्यापारियों ने सड़कों पर उतर कर “पाकिस्तान मुर्दाबाद”, “आतंकवाद का जवाब – व्यापार खत्म करो” जैसे नारों के साथ प्रदर्शन किया।
सिर्फ व्यापारिक संस्थाएं ही नहीं, कई सामाजिक और नागरिक संगठनों ने भी इस बंद को समर्थन दिया और सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।
पहले भी उठ चुकी है यह मांग
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते पहले भी कई बार तनाव और हमलों के चलते बाधित हुए हैं। पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया गया था और कस्टम ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी गई थी। इसके बाद अधिकतर व्यापारिक गतिविधियां थम गई थीं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं और सीमित व्यापार का सिलसिला चलता रहा।
जम्मू के व्यापारी बोले – “सरकार से स्थायी निर्णय की अपेक्षा”
व्यापारियों ने यह भी कहा कि सरकार को अस्थायी निर्णयों की बजाय स्थायी नीति बनानी चाहिए, जिससे आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों से किसी भी प्रकार का व्यापारिक संबंध समाप्त किया जा सके।
एक थोक विक्रेता ने कहा:
“हम घाटी में हो रही हिंसा से आहत हैं। जब तक पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह बना रहेगा, हमें उसके साथ कोई लेनदेन नहीं रखना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर भी मिला समर्थन
सोशल मीडिया पर भी जम्मू बंद को जबरदस्त समर्थन मिला। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर #JammuBandh और #StopTradeWithPakistan ट्रेंड करने लगे। आम नागरिकों ने भी व्यापारियों की इस पहल को राष्ट्रहित में बताया और एकजुटता दिखाई।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
कुछ स्थानीय राजनीतिक दलों और नेताओं ने भी इस बंद को समर्थन दिया और कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से बड़ा कोई व्यापार नहीं हो सकता। हालांकि कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि ऐसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी नीति की आवश्यकता है, जिससे राज्यों में भिन्न-भिन्न प्रतिक्रिया की जगह एक स्पष्ट रुख लिया जा सके।
पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश की जनता को झकझोर कर रख दिया है। जम्मू के व्यापारियों का यह बंद सिर्फ एक आर्थिक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रवादी चेतना का संकेत है जो अब सरकार से ठोस और निर्णायक कदमों की अपेक्षा कर रही है।
उत्तर भारत जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसे विरोध का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां लोग सीधे आतंकवाद के प्रभाव को महसूस करते हैं। यह बंद स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जनता अब केवल सहानुभूति नहीं चाहती, अब कार्रवाई चाहती है।
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