उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। मंडावर क्षेत्र के कोहरीपुर गांव में एक तेंदुए ने दो साल के मासूम मयंक पर हमला कर उसकी जान ले ली। इस हमले से गांव में दहशत फैल गई और गुस्साए ग्रामीणों ने मंडावर-बालावाली मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए भारी दुख लेकर आई, बल्कि प्रशासन के लिए भी चेतावनी बन गई कि वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियां अब सीधे आम लोगों की जान पर बन आई हैं।
खेत के पास खेल रहे बच्चे पर हुआ हमला
मृतक बालक मयंक के पिता राजकुमार खेती का काम करते हैं और उन्होंने गांव में ही जमीन बटाई पर ले रखी है। जिस वक्त यह घटना हुई, वे अपनी पत्नी के साथ खेत में सब्जी तोड़ने गए थे। उनके दोनों बेटे — 5 वर्षीय हर्षित और 2 वर्षीय मयंक — घर पर ही थे, लेकिन थोड़ी देर में खेलते हुए खेत के पास पहुंच गए।
तभी झाड़ियों में घात लगाए बैठे तेंदुए ने छोटे बच्चे मयंक को दबोच लिया और उसे उठाकर झाड़ियों में ले गया। हर्षित ने चीखकर शोर मचाया तो आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग और पिता राजकुमार मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों की बहादुरी से बच्चा छुड़ा, लेकिन जान नहीं बची
लोगों के लाठी-डंडे लेकर पहुंचने पर तेंदुआ बच्चा छोड़कर भाग गया। मयंक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया और गांव के लोग आक्रोशित हो उठे।
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तेंदुए से 28 से अधिक मौतें, प्रशासन पर उठे सवाल
इस क्षेत्र में तेंदुए द्वारा हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। अब तक इस वन्यजीव के हमले में 28 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।
सड़क जाम कर जताया विरोध
घटना के बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने मंडावर-बालावाली मार्ग पर जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन लोगों ने किसी की बात नहीं सुनी। लगभग 2 घंटे तक जाम जारी रहा।
अंततः अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए तुरंत पिंजरा मंगवाया गया है और कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया।
सवाल और उम्मीदें
यह घटना फिर साबित करती है कि मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और वन्यजीव नियंत्रण की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर उतारने की जरूरत है।
सरकार और वन विभाग को चाहिए कि इस घटना को चेतावनी मानकर कार्रवाई तेज करे ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान न जाए।
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