जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार उनका ध्यान उस युवक पर केंद्रित है जिसने हाल ही में पहाड़ी क्षेत्र में एक जिपलाइन की मदद से जान की बाजी लगाकर एक साहसी कारनामे को अंजाम दिया। इस साहसी युवक की कहानी को लेकर महबूबा मुफ्ती ने अपनी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया, और उसकी स्थिति पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया।
जिपलाइन वाले युवक की साहसिकता
हाल ही में जम्मू और कश्मीर के एक पहाड़ी इलाके से एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक युवक जिपलाइन की मदद से खतरनाक ढलान से नीचे उतरता हुआ दिखाई दे रहा था। यह वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और लोगों ने उसकी साहसिकता और हिम्मत की सराहना की। हालांकि, इस वीडियो को देखने के बाद कुछ लोग इस युवक की साहसिकता से ज्यादा उसकी जान की जोखिम उठाने की आलोचना करने लगे। इस प्रकार के कार्यों में न केवल व्यक्ति की जान को खतरा होता है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा के प्रति लापरवाही का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महबूबा मुफ्ती का बयान
महबूबा मुफ्ती ने इस युवक की साहसिकता की सराहना करते हुए इसके साथ ही अपनी चिंता भी जताई। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे युवा अपनी जिंदगी को खतरे में डालने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह सिर्फ एक युवक की कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य के युवाओं की स्थिति का प्रतिबिंब है।” महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में रोजगार और अवसरों की कमी के कारण युवा इस प्रकार की खतरनाक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, ताकि वे अपनी जिंदगी के संघर्षों से निजात पा सकें।
महबूबा ने कहा कि यदि जम्मू और कश्मीर में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और सुरक्षित भविष्य की योजनाएं होतीं, तो वे इस प्रकार की जोखिम भरी गतिविधियों में शामिल नहीं होते। उनका कहना था कि यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह युवाओं के लिए अच्छे अवसर प्रदान करे, ताकि वे अपनी जिंदगी को इस तरह के खतरों में डालने की बजाय अपनी मेहनत और कौशल से देश की तरक्की में योगदान दे सकें।
युवाओं के लिए महबूबा का संदेश
महबूबा मुफ्ती ने इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के युवाओं से अपील की कि वे अपनी ऊर्जा और सामर्थ्य को सकारात्मक दिशा में लगाएं और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएं। उन्होंने कहा, “मैं जानती हूं कि इस राज्य के युवाओं में अपार क्षमता है, लेकिन यह जरूरी है कि उन्हें अवसर और मार्गदर्शन मिले, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।”
महबूबा ने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि वह युवाओं के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म तैयार करे, जहां वे अपनी क्षमता का सही इस्तेमाल कर सकें। उन्हें महज जोखिम उठाने की बजाय अपने हुनर और शिक्षा के बल पर काम करने के मौके मिलें।
जम्मू और कश्मीर में युवाओं की स्थिति
जम्मू और कश्मीर में युवा वर्ग काफी लंबे समय से रोजगार और अवसरों की कमी से जूझ रहा है। राज्य में बेरोजगारी दर ऊंची बनी हुई है, और आर्थिक संकट के कारण कई युवा न केवल पलायन कर रहे हैं, बल्कि उन्हें जीवनयापन की मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार के संघर्षों के चलते कई युवा अपनी मानसिक स्थिति से निपटने के लिए जोखिम भरी गतिविधियों की ओर रुख कर रहे हैं, जैसा कि जिपलाइन वाले युवक के मामले में देखने को मिला।
महबूबा मुफ्ती ने राज्य सरकार से भी यह अनुरोध किया कि वह जम्मू और कश्मीर के युवाओं के लिए ऐसे कार्यक्रम और योजनाएं तैयार करें, जो उन्हें स्थिर रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें। महबूबा का मानना है कि यदि राज्य में युवाओं को अच्छे रोजगार और विकास के अवसर मिलते हैं, तो वे इस तरह की खतरनाक गतिविधियों से दूर रह सकते हैं और राज्य की आर्थिक समृद्धि में योगदान दे सकते हैं।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी
महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और कश्मीर की वर्तमान सरकार से यह सवाल किया कि आखिरकार क्यों राज्य में ऐसे अवसर नहीं उत्पन्न हो पा रहे हैं जो युवाओं के भविष्य को सुरक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान दे, बल्कि युवाओं के लिए सशक्त योजना भी बनाए, ताकि वे अपनी क्षमताओं का सही उपयोग कर सकें।
महबूबा ने यह भी कहा कि केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि युवाओं के मनोबल को भी बढ़ावा मिलेगा।
महबूबा मुफ्ती का बयान न केवल उस साहसी युवक के प्रति चिंता और सहानुभूति को दर्शाता है, बल्कि यह राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि राज्य में युवाओं के लिए बेहतर अवसर और सुरक्षित भविष्य की आवश्यकता है। महबूबा का संदेश यह है कि युवा किसी भी स्थिति में अपनी जान को जोखिम में डालने की बजाय अपनी मेहनत और शिक्षा के जरिए समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम करें।
अब यह देखना होगा कि जम्मू और कश्मीर की सरकार इस दिशा में कौन से ठोस कदम उठाती है ताकि राज्य के युवाओं को सही दिशा और अवसर मिल सकें।
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