मनोज कुमार मेरे पिता जैसे थे,सनी देओल ने सुनाई धर्मेंद्र और मनोज कुमार की अनसुनी यादें

दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, जहां वे अपनी आने वाली फिल्म ‘जाट’ के प्रमोशन के लिए रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह और पूरी टीम के साथ मौजूद थे, सनी ने अपने दिल की बात मीडिया के सामने रखी।

मनोज जी हमारे लिए हमेशा पिता समान रहे हैं”

सनी देओल ने कहा, पापा और मनोज जी इंडस्ट्री में साथ थे। बचपन से ही मैंने उन्हें साथ देखा है। उनका रिश्ता बहुत गहरा था। उन्होंने जो फिल्में कीं वो भारत के बारे में थीं, देशभक्ति से भरी हुई थीं। असली देशभक्ति के सिलसिले की शुरुआत वहीं से हुई थी।

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संघर्ष के दिनों की कहानी

दिल्ली रवाना होने से पहले धर्मेंद्र ने अपने बेटे सनी को एक पुरानी बात याद दिलाई। पापा ने बताया कि शुरुआती दिनों में जब वे मनोज जी के साथ थे, तो दोनों संघर्ष कर रहे थे। जेब में पैसे नहीं होते थे। जब मनोज जी के पास पैसे होते और वे कपड़े खरीदने जाते, तो पापा से कहते, आ ले ले धरम, तू भी ले ले दो कमीज़ान।  यह सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।

वो जमाना वापस नहीं आ सकता”

सनी ने भावुक होते हुए कहा, उन दोनों का रिश्ता बेहद प्यारा था। वो जो दौर था, वो सच्चा  सरल और दिल से जुड़ा हुआ था। अब ऐसा समय शायद कभी वापस नहीं आएगा।

मनोज कुमार वो नाम जो भारतबन गया

सनी देओल की इस भावुक बातचीत ने एक बार फिर मनोज कुमार की याद दिला दी – वो अभिनेता जिनकी फिल्में ‘भारत’ की आत्मा बन गई थीं। चाहे ‘उपकार’ हो या  पूरब और पश्चिम’, उन्होंने सिनेमा के ज़रिए देशभक्ति को जिया।

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