पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में फरार चल रहा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार कानून के शिकंजे में आ गया है। लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार लुका-छिपी का खेल खेलने वाला यह भगोड़ा अब बेल्जियम में गिरफ्तार हो चुका है। यह गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और जांची सफलता के रूप में देखी जा रही है, खासकर तब जब 2023 में इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) को हटा दिया था।
क्या है पूरा मामला?
मेहुल चोकसी, भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, 13,000 करोड़ रुपये के PNB स्कैम का मुख्य आरोपी है। उस पर आरोप है कि उसने अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए विदेशों से पैसे उधार लिए और बैंकों को धोखा दिया।
घोटाला उजागर होने से पहले ही दोनों भारत से फरार हो गए। जहां नीरव मोदी अभी ब्रिटेन में जेल में बंद है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का सामना कर रहा है, वहीं मेहुल चोकसी एंटीगुआ और डोमिनिका जैसे देशों में नागरिकता और कानूनी पेंचों का सहारा लेकर खुद को भारत से बचाता रहा।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी काफी समय से बेल्जियम में छिपकर रह रहा था। भारतीय एजेंसियों – CBI, ED और विदेश मंत्रालय – ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया और उसकी सटीक लोकेशन की जानकारी जुटाई।
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बेल्जियम की स्थानीय एजेंसियों की मदद से चोकसी को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल वह बेल्जियम की हिरासत में है और भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
इंटरपोल का झटका, फिर भी भारत की जीत
2023 में भारत को तब एक बड़ा झटका लगा था जब इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को हटा दिया था। इससे उसके खिलाफ कार्रवाई करना और कठिन हो गया था।
लेकिन भारत की जांच एजेंसियों ने कूटनीति और निगरानी के स्तर पर लगातार दबाव बनाए रखा, जिसका परिणाम अब सामने आया है।
क्या बोले अधिकारी और सरकार?
CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताते हुए कहा:
“हमने कभी हार नहीं मानी। चोकसी को न्याय के कटघरे में लाना हमारा लक्ष्य था और अब हम उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।”
विदेश मंत्रालय ने भी इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि बेल्जियम सरकार से संपर्क में हैं और कानूनी प्रक्रिया के तहत चोकसी को भारत लाया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
चोकसी की गिरफ्तारी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे केंद्र सरकार की कूटनीतिक सफलता बताया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा:
“यह मोदी सरकार की वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है। अब कोई भी आर्थिक अपराधी कानून से नहीं बच सकता।”
वहीं, विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है कि इतने साल तक चोकसी बाहर कैसे घूमता रहा।
कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार की शुरुआती विफलता का परिणाम था कि चोकसी देश से फरार हुआ।
आगे क्या?
अब चोकसी को भारत लाने की प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसके खिलाफ पहले से ही भारत में:
- मनी लॉन्ड्रिंग
- बैंक फ्रॉड
- आपराधिक साजिश
जैसे गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। भारत लाए जाने के बाद उसे CBI और ED की कस्टडी में रखा जाएगा और उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी।
जनता की प्रतिक्रिया
उत्तर भारत के राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में इस खबर को लेकर आम लोगों में काफी चर्चा है।
लोग इसे देश की प्रतिष्ठा और आर्थिक अपराध के खिलाफ मजबूत संदेश मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी #MehulChoksiArrested ट्रेंड कर रहा है।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी भारत की कूटनीतिक और जांच एजेंसियों की एक बड़ी सफलता है। यह केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि आर्थिक अपराध कर भाग जाना अब पहले जितना आसान नहीं रहा।
अब नजरें इस पर टिकी हैं कि भारत सरकार कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से उसे भारत ला पाती है, ताकि जनता को यह भरोसा हो सके कि न्याय देर से ही सही, लेकिन होता ज़रूर है।
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