श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील में मंगलवार को एक खास नज़ारा देखने को मिला जब श्रीनगर पुलिस, पर्यटक पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने मिलकर एक संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास हाल ही में डल झील में हुई नाव पलटने की घटनाओं के मद्देनज़र किया गया है, जिनमें एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया की तैयारियों को परखना और सुधारना था।
आपातकालीन तैयारी का परीक्षण
डल झील न केवल श्रीनगर का पर्यटन केंद्र है, बल्कि हजारों स्थानीय लोगों की आजीविका का भी स्रोत है। हाल ही में तेज हवाओं के चलते नाव पलटने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसने सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए श्रीनगर पुलिस ने पर्यटक पुलिस और एसडीआरएफ के साथ मिलकर इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
अभ्यास के दौरान नाव पलटने और डूबने जैसी आपात स्थिति को अनुकरणीय रूप में पेश किया गया, जहां टीमों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। डमी पीड़ितों को पानी से निकालना, प्राथमिक उपचार देना और सुरक्षित स्थानों पर ले जाना जैसे कदम इस अभ्यास का हिस्सा रहे।
समन्वय और दक्षता का प्रदर्शन
श्रीनगर पुलिस, पर्यटक पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने आपसी समन्वय के साथ सभी आवश्यक बचाव प्रक्रियाओं का पालन किया। टीमें लाइफ जैकेट, रस्सी, फ्लोटेशन डिवाइस और मोटरबोट जैसे आधुनिक संसाधनों से लैस थीं। उन्होंने तेज़ी से घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति पर नियंत्रण पाया, जो कि किसी भी रियल-टाइम आपदा में जीवन बचाने के लिए बेहद अहम होता है।
यह अभ्यास न केवल टीमों की तैयारियों को दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सुरक्षा प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करना लोगों की जान बचाने में मदद कर सकता है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस अभ्यास की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। एसएसपी प्रवर्तन, एसपी जोन ईस्ट श्रीनगर, एसपी मुख्यालय श्रीनगर, डीएसपी मुख्यालय और डीएसपी एसडीआरएफ ने मॉक ड्रिल की बारीकी से समीक्षा की और प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं का आंकलन किया। उनकी मौजूदगी से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस इस तरह के अभ्यासों को कितनी गंभीरता से ले रही है।
भविष्य की तैयारियों को बढ़ावा
एसडीआरएफ की ओर से इस अभ्यास में क्षमता निर्माण, संसाधन प्रबंधन और रसद सहायता को भी प्रमुखता दी गई। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी भी आकस्मिक स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सिस्टम को और बेहतर बनाना है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, यह ड्रिल आपात स्थितियों के प्रति जम्मू-कश्मीर पुलिस की गंभीरता और तत्परता को दर्शाती है। यह मॉक ड्रिल नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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