देशभर में ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया, लेकिन इस बार त्योहार के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिला। दिल्ली समेत कई शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर पहुंचे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन बिल में हुए बदलावों के विरोध में इस तरह के सांकेतिक प्रदर्शन की अपील की थी।
AIMPLB का कहना है कि वक्फ उनकी धार्मिक और सामाजिक पहचान का अहम हिस्सा है और इस बिल के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप कर रही है।
दिल्ली की जामा मस्जिद में प्रदर्शन
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में भी ईद की नमाज के दौरान कई लोग काली पट्टी बांधकर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है, जिससे धार्मिक स्थलों पर भी असर पड़ सकता है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे हैं। वक्फ संपत्तियां हमारी धरोहर हैं और हम किसी भी कीमत पर इस बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे।”
भोपाल में सांकेतिक विरोध
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी ईद के मौके पर नमाज अदा करने वाले लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। नए वक्फ संशोधन बिल के तहत अब वक्फ ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में भी जमीन से जुड़े मामलों पर अपील की जा सकती है। इसके अलावा, यदि किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के लिए दान में नहीं दी हो, तो वह वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी, भले ही उस पर कोई धार्मिक स्थल बना हो।
इस बदलाव से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों को विवादों में डालने की कोशिश की जा रही है।
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हैदराबाद में वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन
हैदराबाद में भी ईद के मौके पर वक्फ संशोधन बिल का विरोध हुआ। सैदाबाद की ईदगाह में नमाज के बाद लोगों ने पोस्टर दिखाकर इस बिल को वापस लेने की मांग की। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि वह इस बिल के खिलाफ संसद से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ेंगे।
पटना में नीतीश कुमार से मांग
बिहार की राजधानी पटना में मुस्लिम समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वे इस बिल को केंद्र सरकार में समर्थन न दें। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को हड़पने की साजिश है और इसका कोई औचित्य नहीं है।
ईद की बधाई देने पहुंचे नीतीश कुमार से मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस विधेयक को रोकने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “नीतीश कुमार ने हमेशा मुस्लिमों के लिए काम किया है। हम उम्मीद करते हैं कि वे इस बिल को समर्थन नहीं देंगे।”
आरजेडी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर
पटना में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दफ्तर के बाहर भी पोस्टर लगाए गए। पोस्टर में लिखा था – “मुसलमानों को ईदी की खैरात नहीं, संवैधानिक अधिकार चाहिए।” साथ ही, इस बिल को रद्द करने की मांग की गई।
सरकार का पक्ष – मुसलमानों की बेहतरी के लिए बिल
जहां मुस्लिम संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वहीं सरकार इसे मुस्लिम समाज के हित में बता रही है। सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों पर कुछ लोगों ने कब्जा जमा लिया है और वे ही इस बिल का विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह बिल वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए है। इसमें कोई गैर-संवैधानिक प्रावधान नहीं है।”
विरोध और समर्थन के बीच मुस्लिम समाज में असमंजस
वक्फ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम समाज में मतभेद हैं। एक तरफ AIMPLB और कई मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम मान रही है।
निष्कर्ष
ईद जैसे पवित्र मौके पर वक्फ संशोधन बिल का विरोध देशभर में मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को दर्शाता है। हालांकि, सरकार अपने रुख पर कायम है और इसे मुस्लिम समाज के हित में बता रही है। अब देखना होगा कि यह बिल किस रूप में लागू होता है और इसका असर वक्फ संपत्तियों पर क्या पड़ता है।
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