ऑपरेशन सिंदूर: भारत का साहसिक हमला आतंकवाद के खिलाफ

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तुलना अमेरिका के उस ऐतिहासिक मिशन से की, जिसने 2 मई, 2011 को 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड को ढेर किया था। ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले को 2008 के मुंबई हमलों के बाद नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना गया। धनखड़ ने इस ऑपरेशन को भारत का सबसे गहरा क्रॉस-बॉर्डर स्ट्राइक करार दिया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक नया मानदंड स्थापित किया है।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा के भीतर नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। ये हमले इतने सटीक थे कि केवल आतंकियों को निशाना बनाया गया, और किसी भी असैन्य व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उपराष्ट्रपति ने बताया कि यह पहली बार था जब जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ों पर इतनी गहराई में जाकर हमला किया गया। धनखड़ ने इस ऑपरेशन को भारत की सैन्य क्षमता और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बताया।

धनखड़ ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसने देश को झकझोर दिया था। इस हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार से दुनिया को एक कड़ा संदेश दिया था, जो केवल शब्दों तक सीमित नहीं था। उपराष्ट्रपति ने कहा, “दुनिया को अब इस संदेश का एहसास हो गया है।” ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकियों को सबक सिखाया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

जयपुरिया संस्थानों में एक सभा को संबोधित करते हुए, धनखड़ ने राष्ट्रवाद की भावना पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि राष्ट्र प्रथम है। यह मानसिकता हमें अपने बच्चों को पहले दिन से सिखानी चाहिए।” उन्होंने इस ऑपरेशन को भारत की एकता, संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दृढ़ता का उदाहरण बताया। धनखड़ ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने वैश्विक समुदाय को भारत की ताकत और आतंकवाद से निपटने की उसकी रणनीति से परिचित कराया।

इस ऑपरेशन की तुलना अमेरिका के उस मिशन से करना, जिसमें 9/11 के लिए जिम्मेदार आतंकी को मार गिराया गया था, भारत की सैन्य और रणनीतिक क्षमताओं को दर्शाता है। धनखड़ ने कहा कि भारत ने यह कर दिखाया, और दुनिया इसकी गवाह है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवादियों को चेतावनी दी, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है। इस ऑपरेशन ने वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया है।

अंत में, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अपील की कि वे राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें। ऑपरेशन सिंदूर भारत के साहस, संकल्प और तकनीकी कौशल का प्रतीक है, जिसने दुनिया को दिखाया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अडिग है। यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य सफलता है, बल्कि भारत की एकता और दृढ़ता का भी प्रतीक है।

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