पहलगाम आतंकी हमला: भारत का कड़ा रुख, पाकिस्तान ने किया इनकार

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। यह हमला न सिर्फ इंसानियत पर हमला था, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और कश्मीरियत को भी चोट पहुँचाने की एक बड़ी साजिश थी। भारत सरकार ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों, विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की संलिप्तता की बात कही।

पीएम मोदी का बयान

6 जून 2025 को जम्मू-कश्मीर के कटरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “इंसानियत और कश्मीरियत” पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि हमले का मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव भड़काना और कश्मीर के मेहनती लोगों की आजीविका को नुकसान पहुंचाना था। पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर पर्यटकों को निशाना बनाया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री के आरोपों पर पाकिस्तान सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। 6 जून को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पीएम मोदी की टिप्पणी को “निराधार और भ्रामक” करार दिया। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत के पास कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है और वह निष्पक्ष व पारदर्शी जांच के लिए तैयार है।

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारार ने 30 अप्रैल को ही कहा था कि भारत एकतरफा सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जो पूरी तरह से बिना आधार के आरोपों पर आधारित है। वहीं प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शांति और कूटनीति की वकालत करते हुए कहा कि पाकिस्तान, सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत से सुलझाना चाहता है।

भारत की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’

हमले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके बाद 9 और 10 मई को भारतीय वायुसेना ने 13 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।

सीमा पर तनाव और संघर्षविराम

इस ऑपरेशन के बाद सीमा पर संघर्ष तेज हो गया। ड्रोन हमले और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ीं। 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर युद्धविराम की अपील की। इसके बाद दोनों देशों ने सैन्य गतिविधियों को विलंबित कर दिया।

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