7 मई 2025 की रात जम्मू-कश्मीर के लिए एक और दर्दनाक रात बन गई। पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा (LoC) पर नागरिक इलाकों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाते हुए भारी तोपखाना दागा। इस हमले में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 43 से अधिक घायल हुए हैं। मृतकों में स्कूली छात्र और धार्मिक स्थल में मौजूद श्रद्धालु भी शामिल हैं।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह पाकिस्तान की एक नई नीचता है। बच्चों के स्कूल, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे तक अब सुरक्षित नहीं रहे। यह कायरता की पराकाष्ठा है।”
मिसरी ने बताया कि 7 मई की सुबह जबरदस्त गोलाबारी के दौरान एक गोला पुंछ में क्राइस्ट स्कूल के पीछे आकर गिरा। इस हमले में स्कूल के दो छात्रों की मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता घायल हो गए। कई स्थानीय निवासी और स्कूल स्टाफ ने स्कूल के भूमिगत हॉल में शरण लेकर अपनी जान बचाई। सौभाग्य से स्कूल उस समय बंद था, अन्यथा जान-माल का और बड़ा नुकसान हो सकता था।
राजौरी, पुंछ और तंगधार जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पाकिस्तानी सेना ने नागरिक इलाकों पर रातभर गोले बरसाए। इन हमलों में घर तबाह हो गए, सैकड़ों परिवार बेघर हो गए और पूरे इलाकों में दहशत फैल गई।
इन हमलों के बीच एक गुरुद्वारा भी पाकिस्तानी गोले का निशाना बना, जिसमें तीन सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस हमले की शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा, “धार्मिक स्थलों पर हमला सिर्फ युद्ध नहीं, यह मानवता पर हमला है।”
हालांकि, हमले के अगले ही दिन स्थानीय लोगों ने मिलकर फिर से गुरुद्वारे के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। यह एकजुटता और हौसले की मिसाल बन गई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान की इस घिनौनी हरकत के पीछे भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने 6 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमला कर बदला लिया।
इसी के जवाब में पाकिस्तान ने 7 मई की रात को जम्मू-कश्मीर के नागरिक इलाकों पर हमला कर अपने इरादे जाहिर कर दिए। लेकिन भारत ने फिर स्पष्ट कर दिया है कि निर्दोष नागरिकों की जान से खेलने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भारत अब इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठाने की तैयारी में है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की ये हरकत न सिर्फ युद्धविराम का उल्लंघन है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों की भी अवहेलना है।
इन हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान अब जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बना रहा है — वो भी धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों पर। ऐसे में भारत को चौकस रहने के साथ-साथ कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर मजबूत प्रतिक्रिया देनी होगी
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