कैप्टन सुमित सभरवाल: गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास 12 जून 2025 को हुए भयावह एयर इंडिया विमान हादसे ने कई जिंदगियों को खत्म कर दिया। इनमें सबसे वरिष्ठ और अनुभवी पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल भी शामिल थे, जिनकी उम्र 60 वर्ष थी। इस हादसे में उनका असमय निधन हो गया, जिससे न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा भारतीय विमानन जगत शोक में डूब गया है।
तीन दशक का अनुभव, 8200 घंटे की उड़ान
कैप्टन सभरवाल को पायलटिंग का लगभग 30 वर्षों का गहरा अनुभव था। उन्होंने 8,200 घंटे से अधिक की उड़ान पूरी की थी और एयर इंडिया में लाइन ट्रेनिंग कैप्टन के रूप में कार्यरत थे। यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, जो केवल उच्च प्रशिक्षित, भरोसेमंद और अनुभवी पायलटों को दी जाती है। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई युवा पायलटों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया।
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परिवार और जिम्मेदारी
कैप्टन सुमित मुंबई के पवई स्थित जलवायु विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके पिता 88 वर्ष के हैं, और वह अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते थे कि जॉब के चलते वह अपने पिता के साथ अधिक समय नहीं बिता पा रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद उनका सपना था कि वे अपने पिता के साथ शांत जीवन बिताएं, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
सह-पायलट भी थे योग्य
हादसे में शामिल विमान के सह-पायलट क्लाइव कुंदर भी बेहद प्रतिभाशाली थे। उनके पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था और वह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाने के लिए प्रमाणित थे। उन्होंने कई बार अपनी दक्षता से जटिल उड़ानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। दुर्भाग्यवश, यह उड़ान दोनों के लिए अंतिम साबित हुई।
रिटायरमेंट से कुछ महीने पहले हादसा
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन सभरवाल की रिटायरमेंट केवल कुछ ही महीनों दूर थी। वे उसके बाद अपने पिता की सेवा करने और पारिवारिक जीवन को प्राथमिकता देने की योजना बना रहे थे। उनके पड़ोसी बताते हैं कि वे संकोची, अनुशासित और बेहद सम्मानित व्यक्ति थे। वे हमेशा वर्दी में शांत स्वभाव से आते-जाते दिखाई देते थे।
एक अपूरणीय क्षति
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी त्रासदी नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत और पेशेवर क्षति भी है। कैप्टन सभरवाल जैसे अनुभवी और समर्पित पायलटों की भूमिका केवल विमान उड़ाने तक सीमित नहीं होती, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श भी होते हैं। उनका जाना, भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक खालीपन छोड़ गया है, जिसे भरना मुश्किल है।
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