जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ‘पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता’ दे दी है। इसका मतलब यह है कि अब सेना और सुरक्षा एजेंसियां खुद तय करेंगी कि हमला कब करना है, कैसे करना है और किसको निशाना बनाना है।
उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया फैसला
यह फैसला सोमवार को हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मौजूद थे। बैठक के दौरान पहलगाम हमले की पूरी जानकारी दी गई और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री का दो टूक संदेश
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि “यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है कि आतंकवाद को करारा जवाब दिया जाए।” उन्होंने कहा कि देश की सेना पर उन्हें पूरा भरोसा है और वो किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को यह स्पष्ट कर दिया कि कार्रवाई में समय, स्थान और तरीका तय करने का अधिकार पूरी तरह से सेना के हाथ में होगा। इसका अर्थ है कि अब सैन्य नेतृत्व को राजनीतिक मंजूरी की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।
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क्या था पहलगाम हमला?
शनिवार शाम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में आतंकियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी पर हमला किया था। इस हमले में सेना के कई जवान घायल हुए और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमले के बाद से इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
सेना को खुली छूट का क्या मतलब है?
सेना को मिली यह ‘पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता’ एक बड़ा रणनीतिक संकेत है। यह न सिर्फ आतंकियों को चेतावनी है, बल्कि उनके मददगारों और सीमा पार बैठे आकाओं को भी एक कड़ा संदेश है कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब ‘अपने तरीके से और अपने समय पर’ देगा।
इसका मतलब यह भी है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सरहद के पास या भीतर आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई हो सकती है, जैसा कि हमने 2016 में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और 2019 में ‘एयर स्ट्राइक’ के रूप में देखा था।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार का कड़ा रुख
पिछले कुछ वर्षों से सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। धारा 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की कमर टूट चुकी थी, लेकिन हाल के हमलों ने यह इशारा दिया है कि आतंक के नेटवर्क को खत्म करने की लड़ाई अभी पूरी नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से समझौता नहीं किया जाएगा और जो भी इसके खिलाफ साज़िश करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
जनता में आक्रोश, देश भर में समर्थन
हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर लोग एकजुट होकर सुरक्षाबलों के साथ खड़े हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई राज्यों में लोगों ने कैंडल मार्च निकाले और आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ बुलंद की।
पहलगाम हमला न सिर्फ एक कायराना हरकत है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई ‘पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता’ यह साफ कर देती है कि भारत अब कोई भी हमला चुपचाप नहीं सहेगा। देश की सुरक्षा अब मजबूती से सेना के हाथ में है और जनता को उम्मीद है कि जल्द ही इस हमले का कड़ा जवाब मिलेगा।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो एकजुटता और दृढ़ संकल्प ही सबसे बड़ा हथियार होता है।
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