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घटना जिसने काशी को झकझोर दिया
बीते कुछ दिनों पहले वाराणसी में 19 वर्षीय एक किशोरी के साथ बलात्कार की दर्दनाक घटना सामने आई थी। यह खबर न केवल वाराणसी बल्कि पूरे देश में चिंता और आक्रोश का कारण बनी। स्थानीय लोगों में दोषियों के प्रति गुस्सा था, और हर तरफ से तत्काल गिरफ्तारी व कठोर सजा की मांग उठ रही थी।
पीएम मोदी ने इस मामले को बेहद संवेदनशीलता से लिया और अपने दौरे की शुरुआत ही प्रशासनिक समीक्षा से की।
कानून-व्यवस्था पर पीएम मोदी का दो टूक संदेश
प्रधानमंत्री ने जिले के शीर्ष अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की और घटना की हर पहलू की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया:
- दोषियों की तुरंत पहचान कर गिरफ्तारी की जाए
- कार्रवाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए मजबूत और टिकाऊ व्यवस्था बनाई जाए
पीएम मोदी ने कहा, “वाराणसी सिर्फ एक शहर नहीं, देश की आत्मा है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रहनी चाहिए, ताकि हर श्रद्धालु, पर्यटक और नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करे।”
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिए बड़े निर्देश
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहर में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता बढ़ाई जाए, CCTV नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाए, और थानों को जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वाराणसी में न सिर्फ विकास कार्यों में गति होनी चाहिए, बल्कि यह ‘एक सुरक्षित और संवेदनशील शहर’ के रूप में भी पहचान बनाए।
पीड़िता को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम को “पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में निर्णायक हस्तक्षेप” के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा नेताओं और आम लोगों ने इस रुख की सराहना करते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री का यह कदम दिखाता है कि वे न केवल विकास पुरुष हैं, बल्कि जन-संवेदनाओं के प्रति भी अत्यंत सजग हैं। उनका ‘जीरो टॉलरेंस’ रुख केवल नीति दस्तावेज़ों में नहीं, जमीनी स्तर पर भी स्पष्ट रूप से लागू हो रहा है।”
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय विधायक और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की सराहना की। एक जनप्रतिनिधि ने कहा, “काशी की बेटियों को अब डरने की ज़रूरत नहीं है। पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रशासन और कानून का इकबाल बुलंद है।”
वाराणसी में विकास के साथ सुरक्षा भी प्राथमिकता
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने यह संदेश दिया कि “विकास और सुरक्षा एक-दूसरे के पूरक हैं।” उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि वाराणसी में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ जनसुरक्षा तंत्र को भी प्राथमिकता दी जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा केवल एक राजनीतिक औपचारिकता नहीं रहा, बल्कि एक सशक्त और जिम्मेदार नेतृत्व की मिसाल बनकर उभरा। उनके निर्देशों से स्पष्ट है कि बलात्कार जैसे अपराधों को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि एक्शन मोड में है।
अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस संदेश को आम जनता के विश्वास में बदले, और काशी को एक ऐसा शहर बनाए, जहां विकास के साथ सुरक्षा और न्याय भी समरस हों।
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