प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब दौरा: आतंक को करारा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। करीब आधे घंटे के अपने संबोधन में उन्होंने न केवल सेना के शौर्य और समर्पण की सराहना की, बल्कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त लहजे में चेतावनी भी दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंक के हर कदम का जवाब अब भारत अपने अंदाज में देगा, और वह भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के।

आतंकियों का अंजाम: विनाश और महाविनाश
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “निर्दोषों का खून बहाने वालों का एक ही अंजाम होगा — विनाश और महाविनाश।” उन्होंने दावा किया कि जिन आतंकियों को कभी पाकिस्तान की सेना का सहारा प्राप्त था, उन्हें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने अपने पराक्रम से करारा जवाब दिया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। यह नया भारत है, जो शांति की राह पर चलना चाहता है, लेकिन अगर उसकी संप्रभुता पर हमला हुआ, तो वह चुप नहीं बैठेगा। “हम घर में घुसकर मारेंगे, और दुश्मन को सोचने का भी मौका नहीं देंगे,” उन्होंने कहा।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई सैन्य नीति का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए इसे भारत की नई सैन्य सोच का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे “नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी” करार दिया। इस अभियान के दौरान भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया। यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि भारत की उस दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर आधारित है।

आधुनिक तकनीक और एयर डिफेंस में भारत की ताकत
मोदी ने भारतीय वायुसेना की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत अब केवल हथियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि डेटा, ड्रोन और डिजिटलीकरण में भी निहित है। उन्होंने स्वदेशी ‘आकाश’ एयर डिफेंस सिस्टम और रूस से प्राप्त अत्याधुनिक S-400 डिफेंस प्लेटफॉर्म की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “हमारा एयर डिफेंस कवच इतना मजबूत है कि पाकिस्तान के ड्रोन, यूएवी और मिसाइलें हमारे सामने बेकार साबित हो रहे हैं।”

भारत की सुरक्षा नीति के तीन सिद्धांत
प्रधानमंत्री ने भारत की सुरक्षा नीति के तीन प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया। पहला, भारत पर हमला हुआ तो जवाब जरूर मिलेगा — अपने समय, अपनी शर्तों और अपने अंदाज में। दूसरा, न्यूक्लियर धमकी की राजनीति अब नहीं चलेगी, और भारत किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग में नहीं आएगा। तीसरा, आतंक को पालने वालों और आतंक को अंजाम देने वालों में कोई अंतर नहीं किया जाएगा।

आध्यात्मिक संदर्भ और ऐतिहासिक प्रेरणा
अपने भाषण को और प्रभावशाली बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह जी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “जब हमारी बेटियों का सिंदूर छीना गया, तो हमने आतंक के फन को उसी के घर में कुचला।” उन्होंने गुरु जी की पंक्तियों को दोहराया: “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तब गोविंद सिंह नाम कहाऊं।” इस ऐतिहासिक संदर्भ ने न केवल जवानों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति को भी रेखांकित किया।

नए भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री का यह दौरा और उनका संबोधन नए भारत के संकल्प को दर्शाता है। यह भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह नीति न केवल पड़ोसी देशों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि विश्व समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि भारत अब किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेगा।

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