पीएम मोदी की विदेश यात्रा: साइप्रस , कनाडा और क्रोएशिया दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा शुरू की है। इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान वह तीन देशों – साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया – का दौरा करेंगे। यह दौरा न केवल भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बल्कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए भी अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी रविवार सुबह साइप्रस के लिए रवाना हुए, जहां 15-16 जून को वह राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इसके बाद वह कनाडा में 16-17 जून को G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और अंत में क्रोएशिया का दौरा करेंगे।

G7 शिखर सम्मेलन और ट्रंप से मुलाकात की संभावना

कनाडा के कनानास्किस में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की मौजूदगी भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करती है। इस दौरान उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की प्रबल संभावना है। यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की थी। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। सूत्रों के अनुसार, यदि यह मुलाकात होती है, तो पीएम मोदी सीमा पार आतंकवाद और आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई पर जोर देंगे।

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ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख

मई 2025 में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर लक्षित कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के कठोर रुख को दुनिया के सामने रखा। पीएम मोदी की इस विदेश यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और मजबूत करना है। G7 शिखर सम्मेलन में वह कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिसमें आतंकवाद के साथ-साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

साइप्रस और क्रोएशिया दौरा: भारत की कूटनीति

साइप्रस में पीएम मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने का अवसर प्रदान करेगी। इसके बाद क्रोएशिया का दौरा भारत और यूरोपीय देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना पीएम मोदी की लगातार छठी भागीदारी होगी, जो भारत की वैश्विक कूटनीति में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

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